Sickle Cell Disease Treatment: दुनिया में पहली बार सिकल सेल के किसी रोगी का इलाज जीन थेरेपी से हो रहा है. अमेरिका में 12 साल के केन्ड्रिक क्रोमर को जीन थेरेपी दी जा रही है. महीनों तक चलने वाले इलाज के बाद वह शायद सिकल सेल से मुक्त हो पाएंगे. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, सिकल सेल की वजह से क्रोमर के सारे सपने जैसे चोरी हो गए थे. उनके लिए साइकिल चलाना, ठंड में बाहर जाना, सॉकर खेलना... आम बच्चों की तरह मस्ती कर पाना दूभर था. भयानक दर्द उठता था. केन्ड्रिक क्रोमर को अब उम्मीद जगी है कि वह भी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं. अमेरिका में सिकल सेल बीमारी के इलाज के लिए पिछले साल दो तरह की जीन थेरेपी को अप्रूवल मिला है. केन्ड्रिक, ब्लूबर्ड बायो नाम की कंपनी के पहले कॉमर्शियल मरीज हैं. एक और कंपनी, Vertex Therapeutics ने अभी किसी मरीज का इलाज शुरू करने का खुलासा नहीं किया है.


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अमेरिका में क्रोमर जैसे करीब 20,000 लोग और हैं जो सिकल सेल रोग से ग्रस्त हैं. सिकल सेल डिजीज - रेड ब्लड सेल्स का एक ऐसा जेनेटिक डिसऑर्डर है जिसमें असहनीय दर्द उठता है. लोग इस बीमारी के साथ ही पैदा होते हैं. उन्हें अपने माता-पिता से इस रोग के लिए म्यूटेटेड जीन विरासत में मिलता है.


जीन थेरेपी से कैसे होगा सिकल सेल के मरीज का इलाज


केन्ड्रिक क्रोमर का इलाज बुधवार से वाशिंगटन के चिल्ड्रन नेशनल हॉस्पिटल में शुरू हुआ. डॉक्टरों ने उनके बोन मैरों की स्टेल सेल्स निकाल दी हैं, जिसे ब्लूबर्ड अपनी लैब में जेनेटिकली मॉडिफाई करेगी ताकि इलाज किया जा सका. इसमें महीनों लगेंगे. यह प्रक्रिया शुरू करने से पहले ब्लूबर्ड को केन्ड्रिक के लाखों-करोड़ों स्टेम सेल चाहिए होंगे. अगर पहली बार में पर्याप्त स्टेम सेल नहीं निकली होंगी तो कंपनी एक-दो बार और ट्राई करेगी. अगर वह भी काफी नहीं  पड़ा तो केन्ड्रिक को एक और स्टेम सेल एक्सट्रैक्शन के लिए महीनाभर तैयारी करनी होगी.


सिकल सेल डिजीज क्या होता है?


सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक बीमारी है. यह लाल रक्त कणिकाओं में होने वाले डिसऑर्डर्स का समूह है जो हीमोग्लोबिन को प्रभावित करते हैं. हीमोग्लोबिन वह प्रोटीन है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन को ले जाता है. आमतौर पर लाल रक्त कणिकाएं किसी डिस्क के जैसी होती हैं जो नसों में आसानी से गुजर जाती हैं. सिकल सेल रोग में, एक जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से लाल रक्त कणिकाएं आधे चांद या हंसिया जैसी हो जाती हैं. सिकल सेल बीमारी में लाल रक्त कणिकाएं आसानी से मूव नहीं कर पातीं और शरीर में खून का प्रवाह रोक सकती हैं. इसके चलते स्ट्रोक, इंफेक्शन और तमाम अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.


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सिकल सेल रोग ताउम्र साथ रहने वाली बीमारी है. अभी तक सिर्फ बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही इस बीमारी का इकलौता इलाज था. लेकिन दिसंबर 2023 में अमेरिका ने दो तरह की थेरेपी को मंजूरी दी. एक थेरेपी में शरीर में एक जीन और जोड़ा जाता है और दूसरे में पहले से मौजूद जीन में बदलाव किए जाते हैं.