Sunita Williams: एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स स्पेस से वापस धरती पर कब और कैसे लौटेंगी, इसे लेकर धरती पर मंथन चल रहा है. पिछले हफ्ते ही अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा था कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में फंसे सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर को अगले साल फरवरी में स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन फ्लाइट के जरिए वापस लाया जाएगा. 


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जून में विलियम्स और विलमोर बोइंग स्टारलाइनर से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे और उनको एक हफ्ते में वापस आना था.लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण उनका स्पेसक्राफ्ट वापस धरती पर नहीं आ पाया. नासा के मुताबिक, एस्ट्रोनॉट्स को किसी तरह का रिस्क ना हो, लिहाजा स्टारलाइनर बिना क्रू मेंबर्स के ही वापस धरती पर लौटेगा. 


फिलहाल नासा और स्पेस एक्स क्रू ड्रैगन के लॉन्च से पहले कई तरह की चीजों पर काम कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर, सीटों को फिर से रीकन्फिगर करने के साथ-साथ अतिरिक्त सामान ले जाने पर भी काम हो रहा है. आइए अब आपको क्रू ड्रैगन की खासियतें बताते हैं.


क्या है क्रू ड्रैगन?


क्रू ड्रैगन स्पेसएक्स के ड्रैगन 2 स्पेसक्राफ्ट के दो वेरिएंट्स में से एक है, जिसे आंशिक रूप से फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है. दूसरे वेरिएंट का नाम है कार्गो ड्रैगन. जैसा कि नाम से पता चलता है क्रू ड्रैगन मुख्य रूप से एस्ट्रोनॉट्स को ISS तक पहुंचाता है और कार्गो ड्रैगन स्पेस स्टेशन तक कार्गो की सप्लाई करता है.


स्पेसएक्स ने क्रू ड्रैगन को नासा के उस प्लान के हिस्से के तौर पर बनाया था, जिसके तहत स्पेस एजेंसी की तरफ से 2011 में अपने स्पेस शटल को बंद करने के बाद अमेरिकी कंपनियों को स्पेस स्टेशन की उड़ानें सौंपने की योजना थी. क्रू ड्रैगन का आईएसएस के लिए पहला मिशन 2020 में हुआ था जब इसने चार अमेरिकी और जापानी अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में पहुंचाया था. अब तक, स्पेसक्राफ्ट ने नासा के लिए स्पेस स्टेशन पर आठ क्रू रोटेशन मिशन पूरे किए हैं.


क्रू ड्रैगन की क्या हैं खासियतें?


क्रू ड्रैगन में दो हिस्से होते हैं-पहला फिर से इस्तेमाल किए जाने वाला स्पेस कैपसूल और दूसरा एक्सपेंडेबल ट्रंक मॉड्यूल. 


बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कैप्सूल में 16 ड्रैको थ्रस्टर्स लगे हैं, जो व्हीकल को ऑर्बिट में ले जाते हैं. हर ड्रैको स्पेस के वैक्यूम में 90 पाउंड का फोर्स पैदा कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंक में सोलर पैनल, हीट हटाने वाले रेडिएटर, सामान रखने की जगह और इमरजेंसी में स्टेबिलिटी देने के लिए पंख लगे हैं. स्पेसक्राफ्ट को फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए स्पेस में भेजा जाएगा, जो सीधे आईएसएस तक पहुंच जाएगा. फाल्कन 9 रीयूजेबल टू स्टेज रॉकेट है, जिसे स्पेसएक्स ने बनाया है.


कैसे वापस आएंगे एस्ट्रोनॉट्स?


स्टारशिप मिशन की हार्डवेयर एंड ऑपरेशन की डायरेक्टर जेसिका जेनसन ने कहा, 'ड्रैगन में जीपीएस सेंसर्स लगे हैं. इतना ही नहीं, ये कैमरा और इमेजिंग सेंसर्स से भी लैस है.'


जब एस्ट्रोनॉट्स धरती पर लौटेंगे तो स्पेसक्राफ्ट आईएसएस से हटेगा और उसका ट्रंक कैप्सूल से डिटैच होकर वातावरण में ध्वस्त हो जाएगा. इसके बाद कैप्सूल  डी-ऑर्बिट बर्न करेगा. यानी वो प्रक्रिया जब स्पेसक्राफ्ट के वेग को कम करने के लिए थ्रस्टर्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे वह धरती के वायुमंडल में दोबारा एंट्री कर सके.


रीएंट्री के बाद, कैप्सूल खुद को धीमा करने के लिए चार पैराशूट खुलते हैं. आखिर में स्पेसक्राफ्ट समुद्र में गिर जाएगा,  जहां से उसे एक जहाज के जरिए वापस लाया जाता है.