सुनीता विलियम स्पेस में अपने साथ लेकर गई थी टोपी या...विवाद में घिरे NASA ने दिया जवाब
Sunita William: ISS पर फंसी सुनीता विलियम का क्रिसमस वाला वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बस छिड़ गई कि क्या वो ये टोपी पहले से ही अपने साथ लेकर गई थीं? अगर ऐसा है तो फिर क्या नासा की तरफ से हमें गलत जानकारी दी जा रही है. विवाद बढ़ने के बाद खुद नासा को जवाब देना पड़ गया.
Sunita Williams Christmas: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम और बुच विल्मोर की हाल में एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें उन्हें सेंटा वाली टोपी समेत क्रिसमस से जुड़ी चीजों के साथ देखा जा सकता है. इन दोनों ने इसेस पहले अपने साथियों के साथ अंतरिक्ष में थैंक्सगिविंग मनाया था और अब वे क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं. तस्वीरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने बवाल खड़ा कर दिया और कहने लगे कि क्या ये लोग पहले से ही क्रिसमस से जुड़ा सामान लेकर गए थे?
बता दें कि सुनीता विलियम जिस मिशन पर गई थीं वो सिर्फ 8 दिनों था लेकिन तकनीकी समस्याओं और देरी के चलते लगभग एक साल तक खिंच गया है. इस वजह से सुनीता और बुच विल्मोर को 2025 की वसंत ऋतु तक अंतरिक्ष में रहना पड़ेगा. सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके मिशन को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े करना शुरू कर दिए. कई यूजर्स ने पूछा कि क्या वे सेंटा की टोपी अपने साथ लॉन्च के समय लेकर गए थे या फिर ये टोपी उन्होंने वहीं पर बुनी है? कुछ लोगों ने उनकी जून में खत्म हो जाने वाली यात्रा के इतने लंबे समय तक खिंचने पर भी सवाल उठाए.
इन चर्चाओं पर विराम लगाने के लिए नासा ने खुद सामने आना पड़ा और तमाम सवालों के जवाब भी दिए. नासा ने बताया कि सुनीता विलियम और बुच विल्मोर को किसमस से जुड़ा सामान विशेष उपहार और भोजन सब कुछ नवंबर में स्पेसएक्स की डिलीवरी में भेजा गया था. यह नियमित प्रक्रिया है, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जरूरी चीजें और वैज्ञानिक उपकरण भेजे जाते हैं. इस बार की डिलीवरी में हाम, टर्की, सब्जियां और पाई व कुकीज जैसे मीठे व्यंजन शामिल थे. इसके अलावा सेंटा की टोपी और एक छोटा क्रिसमस ट्री भी भेजा गया था, जो इस हफ्ते की क्रिसमस वीडियो में देखा गया.
हालांकि, सुनीता और बुच के घर लौटने की योजना को फिर से टाल दिया गया है. अब वे मार्च 2025 के अंत तक स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल से लौटने की उम्मीद कर सकते हैं. इससे पहले उनकी वापसी फरवरी की शुरुआत में तय की गई थी. इस लंबे और चुनौतीपूर्ण मिशन ने न केवल वैज्ञानिक जगत बल्कि आम जनता का भी ध्यान आकर्षित किया है, जो उत्सुकता और सवालों के साथ इस स्थिति को देख रही है.