Baltic Sea Submarine Cables: चीन के जिस विशालकाय कार्गो जहाज Yi Peng 3 पर बाल्टिक सागर में डूबी इंटरनेट वाली केबल्स को नुकसान पहुंचाने का शक था, वह अब कट्टेगट जलडमरूमध्य से निकल गया है.
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Baltic Sea Internet Cables: बाल्टिक सागर में फाइबर ऑप्टिक केबल्स को नुकसान किसने पहुंचाया? इंटरनेट वाली केबल्स को कथित रूप से जानबूझकर काटने का शक एक चीनी मालवाहक जहाज 'यी पेंग 3' पर है. यह जहाज, जो रूस से खाद लेकर जा रहा था, कुछ महीनों तक स्वीडन और डेनमार्क के बीच कट्टेगट जलडमरूमध्य में रुका हुआ था. हालांकि, हाल ही में यह जहाज उत्तरी दिशा में बढ़ते हुए इलाके से निकल गया. स्वीडिश अधिकारियों ने जहाज पर और जांच के लिए चीनी अधिकारियों से अनुमति मांगी थी, लेकिन इनकार कर दिया गया. चीनी पक्ष का कहना है कि यह कदम क्रू की शारीरिक और मानसिक भलाई सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया.
किसने काटी इंटरनेट वाली केबल्स?
17 नवंबर को फिनलैंड और जर्मनी को जोड़ने वाला एक प्रमुख इंटरनेट लिंक अचानक ठप हो गया. इसके एक दिन बाद, स्वीडन और लिथुआनिया के बीच की एक दूसरी ने भी काम करना बंद कर दिया. स्वीडिश जांचकर्ताओं ने पाया कि इन दोनों केबल्स को समुद्र के भीतर काट दिया गया था. ये केबल्स, जो समुद्र तल पर बिछी होती हैं, वैश्विक इंटरनेट और वित्तीय लेनदेन का आधार हैं. ऐसे मामलों में आमतौर पर प्राकृतिक आपदाओं या दुर्घटनाओं की संभावना रहती है, लेकिन इस घटना में जांचकर्ताओं को साजिश का शक हुआ.
स्वीडन और डेनमार्क के अधिकारियों का कहना है कि 225 मीटर लंबे चीनी जहाज 'यी पेंग 3' ने शायद जानबूझकर अपने लंगर से समुद्री केबल्स को नुकसान पहुंचाया. जांच में यह भी पाया गया कि जहाज का ट्रांसपोंडर उस समय बंद था जब केबल्स कटने की घटना हुई. अधिकारियों का यह भी कहना है कि जहाज ने लगभग 100 मील तक समुद्र तल पर लंगर घसीटा, जिससे इसकी गति धीमी हो गई.
समुद्र के नीचे चीन की 'गंदी हरकत'
ताइवान ने चीन पर पिछले साल माट्सू द्वीपों को जोड़ने वाले दो केबल्स को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसी तरह, एस्टोनिया ने भी एक चीनी जहाज पर अपने केबल्स को नुकसान पहुंचाने का शक जताया था. अब, 'यी पेंग 3' के बाल्टिक सागर से अचानक निकलने के बाद, यह पता लगाना मुश्किल हो सकता है कि हालिया घटना वास्तव में जानबूझकर की गई थी या नहीं.