Sunita Williams: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की कमांड अभी सुनीता विलियम्स के हाथ में है. इस हफ्ते, राशन और अन्य सप्लाई लेकर एक रूसी स्पेसक्राफ्ट ISS पर पहुंचा. Progress 90 नामक इस कार्गो स्पेसक्राफ्ट का हैच जैसे ही खोला गया, एक अजीब सी गंध पूरे स्पेस स्टेशन में फैल गई. सुनीता समेत ISS पर मौजूद सभी एस्ट्रोनॉट्स ने तुरंत अपनी-अपनी अंतरिक्ष एजेंसियों को खबर की. स्टैंडर्ड सेफ्टी प्रोटोकॉल के तहत, जमीन पर मौजूद फ्लाइट कंट्रोलर्स ने ISS के एयर-स्क्रबिंग सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया. यह तो लगभग तय था कि अजीब सी स्मेल रूसी कार्गो से आई थी. अब NASA ने इसकी पुष्टि कर दी है कि यह गंध स्पेसक्राफ्ट में मौजूद सामान में 'आउटगैसिंग' की वजह से आई थी.


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क्या है आउटगैसिंग?


आउटगैसिंग, अंतरिक्ष में होने वाली एक सामान्य घटना है. यह तब होती है जब धरती के किसी सामान में फंसी गैसें बाहर निकलती हैं. खासतौर से तब दबाव में परिवर्तन होता है या सामान अंतरिक्ष के निर्वात में पहुंचता है. ISS पर मौजूद क्रू ने बताया कि कुछ ही देर बाद वह गंध दूर भी हो गई. फिर कार्गो स्पेसक्राफ्ट से सामान उतारा गया.


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ISS पर लगे हैं एडवांस्ड एयर सिस्टम


यह घटना दिखाती है कि अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) जैसी बंद जगह पर एयर क्वालिटी को मेंटेन करने में कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. NASA ने ISS पर एडवांस्ड एयर रिवाइटलाइजेशन सिस्टम लगा रखे हैं जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड स्क्रबर और ह्यूमिडिटी कंट्रोल मैकेनिज्म शामिल हैं. ये सिस्टम स्पेस स्टेशन पर एस्ट्रोनॉट्स को सेफ रखने और उनकी रिहाइश को आरामदायक बनाने के काम आते हैं.


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स्पेस स्टेशन पर ऐसी गंध आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर बार उतनी ही सतर्कता से उसकी जांच करनी पड़ती है.


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