Ultrafast Clouds Mystery:अंतरिक्ष की ऐसी कई पहेलियां हैं जिनका जवाब ढूंढने के लिए वैज्ञानिक दशकों से मेहनत कर रहे हैं. स्पेस के अल्ट्राफास्ट बादल भी एक ऐसी ही अनसुलझी पहली रही है जो वैज्ञानिकों को चौंकती रही है. हाल की में एक शोध किया गया है जो अंतरिक्ष के इस रहस्य से कुछ पर्दा उठाता है.


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अल्ट्राफास्ट बादल गैस के बादलों से काफी अलग होते हैं. इनकी स्पीड बहुत तेज होती है इसी कारण इन्हें एचवीसी (High-Velocity Clouds) कहा जाता है. ये बादल हाइड्रोजन गैस की सांद्रता होते हैं जो अक्सर बड़े कॉम्प्लेक्स में रहते हैं.


अल्ट्राफास्ट बादलों की उत्पत्ति कैसे हुई
नया शोध यह बातने की कोशिश करता है कि इन अल्ट्राफास्ट बादलों की उत्पत्ति कैसे हुई होगी. शोध के मुताबिक ये विशेष बादल किसी तारे की मौत का नतीजा हो सकतै हैं. शोध के मुख्य लेखक जोआन श्मेल्ज मानते हैं कि अगर यह जान लिया जाए कि ये बादल कितन दूर हैं तो कई रहस्य पता लग सकते हैं.


श्मेल्ज़ और उनके सहयोगियों ने एमआई नामक एक एचवीसी पर फोकस करते हुए अल्ट्राफास्ट बादल की संरचना के अंदर एक कैविटी की खोज की. ऐसा माना जा रहा है कि सुपरनोवा की वजह से इस कैविटी का निर्माण हुआ होगा. बता दें किसी तारे की मौत पर हुए विस्फोट को सुपरनोवा कहते हैं.


एमआई में कैविटी के केंद्र के पास एक विशाल तारा इसमें एक और तारा है जो मुश्किल से दिखता है. इसे न्यूट्रॉन स्टार के नाम से जाना जाता है. दरअसल यह एक बेहद घना तारकीय अवशेष है. इसका निर्माणा जब मरता हुआ बड़ा तारा सुपरनोवा विस्फोट करता है.  शोधकर्ताओं का कहना है कि इस सुपरनोवा से ही एमआई तेजी से निकला होगा. यह शोध जल्द ही प्रकाशित होगा. 


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