Science News: अमेरिका की सरकार पर लंबे समय से आरोप लगते रहे हैं कि वो UFO और एलियंस से जुड़ी कुछ बातें छिपा रही है. अब 1947 में न्यू मैक्सिको में हुआ कथित UFO क्रैश फिर से चर्चा में है. इस क्रैश की खबरों ने दुनिया को हैरान कर दिया था. हाल ही में लीक हुई सरकारी बातचीत से पता चला है कि इस घटना के बारे में बहुत कुछ छिपाया गया था.


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कई लोगों ने देखा था यूएफओ


एक उच्च अधिकारी ने कहा कि अगर सारी सच्चाई पता चली तो लोग हैरान रह जाएंगे. इस इलाके के लोगों ने कई बार बताया है कि 1953 में एक UFO लास वेगास से करीब 100 मील दूर मोजावे रेगिस्तान में गिरा था. कई लोगों ने इसे देखा था. यूएफओ से जुड़ी किताब के लेखक प्रेस्टन डेननेट ने कहा कि कई लोगों ने इस घटना को देखा था, इसलिए ये बहुत ही खास मामला है.


1200 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गिरा..


उन्होंने सरकार के पुराने दस्तावेजों में इस घटना के बारे में जानकारी पाई. उन्होंने पाया कि एक वैज्ञानिक फ्रिट्ज़ वर्नर का नाम एक कोड नाम से इस्तेमाल किया गया था. डेननेट ने कहा कि असल में उनका नाम आर्थर स्टैंसल था. उन्होंने बताया कि स्टैंसल ने हिसाब लगाया था कि UFO जमीन पर कितनी तेजी से गिरा था. उनका अनुमान था कि ये करीब 1200 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गिरा था.


सरकार छिपा रही सच्चाई


पूर्व रक्षा अधिकारी क्रिस्टोफर मेलोन ने कहा कि अगर सरकार ने इस घटना के बारे में जो पाया है, वो लोगों को पता चला तो वो दंग रह जाएंगे. सरकार को पता है कि कौन इन UFO को ढूंढता है. एक गोपनीय रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार UFO के बारे में सच्चाई छिपा रही है.


चर्च के धार्मिक चित्रों में एलियंस के संकेत


वहीं, दूसरी तरफ यूएफओ कैंपेनर बैसेट का दावा है कि चर्च के धार्मिक चित्रों में एलियंस के संकेत मिलते हैं. हालांकि, इस तरह के दावों को पुष्टि करने के लिए ठोस सबूत की जरूरत होती है. बैसेट का मानना है कि वेटिकन लाइब्रेरी में एलियंस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपी हुई है. लेकिन वेटिकन ने अभी तक इस दावे को स्वीकार नहीं किया है.


बैसेट का चौंकाने वाला दावा


बैसेट का दावा है कि अमेरिकी सरकार रोसवेल घटना से पहले ही एलियंस के बारे में जानती थी. यह दावा भी विवादास्पद है और इसके लिए ठोस सबूत की आवश्यकता है. अभी तक बैसेट के दावों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. इतिहास में कई बार ऐसे दावे किए गए हैं जिन्हें बाद में गलत साबित किया गया है.