VL- SRSAM Missile: इस स्वदेशी मिसाइल से बढ़ेगी भारतीय सेना की ताकत, DRDO ने किया `Surface To Air Missile` का सफल परीक्षण
शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) पूरी तरह से स्वदेशी मिसाइल है. इसे भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है ताकि भारतीय नौसेना आसमानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे सके. इस मिसाइल का परीक्षण (Successfully Tests Surface To Air Missile) कम से कम और अधिकतम रेंज के लिए किया गया था.
नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सफलता पूर्वक स्वदेश मिसाइल का परिक्षण किया है. सोमवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में शॉर्ट रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. इस मिसाइल को वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) कहते हैं. आपको बता दें कि मिसाइल ने अपने निशाने को तय समय में नेस्तानाबूत कर दिया.
आसमानी हमलों का मुंह तोड़ जबाब
गौरतलब है कि शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) पूरी तरह से स्वदेशी मिसाइल है. इसे भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है ताकि भारतीय नौसेना आसमानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे सके. इस मिसाइल का परीक्षण कम से कम और अधिकतम रेंज के लिए किया गया था.
2022 में भारतीय नौसेना में होगा शामिल
शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) को 2022 में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा. इसके ऑपरेशनल रेंज 40 से 50 किलोमीटर है. इसे अस्त्र मिसाइल के प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है. यह मिसाइल 4.5 मैक यानी 5556.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दुश्मन पर हमला करेगी. इस मिसाइल में वेपन कंट्रोल सिस्टम (WCS) भी लगा है जो इसके सह- हथियार को नियंत्रित करता है. ये एक साथ कई निशाने पर वार कर सकता है.
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रक्षामंत्री ने दी बधाई
परीक्षण के समय चांदीपुर के प्रशासन ने लॉन्चपैड के आसपास मौजूद पांच बस्तियों के 6322 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था. ताकि किसी तरह का हादसा हो तो ये स्थानीय लोग सुरक्षित रहें. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने डीआरडीओ को इस बड़ी सफलता के लिए बधाई दी है.
360 डिग्री पर दुश्मन का करेगा खात्मा
भारतीय नौसैनिक युद्धपोतों में लगाई जाने वाले इस स्वदेसी मिसाइल वर्टिकल लॉन्च सिस्टम में एकसाथ 8 मिसाइलें तैनात की जा सकेंगी. इसका वेपन कंट्रोल सिस्टम (WCS) 360 डिग्री पर दुश्मन के हमलों को इंटरसेप्ट कर सकता है. साथ ही उन्हें नष्ट कर सकता है. यानी ये मिसाइल जहां तैनात होगी उस पर हमला करना असंभव हो जाएगा.
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