आकाशगंगा के केंद्र में देखी गईं अब तक की सबसे शक्तिशाली गामा किरणें, वैज्ञानिक को नहीं पता कहां से आ रहीं
Advertisement
trendingNow12487647

आकाशगंगा के केंद्र में देखी गईं अब तक की सबसे शक्तिशाली गामा किरणें, वैज्ञानिक को नहीं पता कहां से आ रहीं

Science News in Hindi: एस्ट्रोनॉमर्स ने हमारी आकाशगंगा Milky Way के केंद्र में अब तक देखी गई सबसे शक्तिशाली गामा किरणों का पता लगाया है. इसका मतलब है कि आकाशगंगा का केंद्र ब्रह्मांड की कुछ सबसे चरम भौतिक प्रक्रियाओं का घर है.

आकाशगंगा के केंद्र में देखी गईं अब तक की सबसे शक्तिशाली गामा किरणें, वैज्ञानिक को नहीं पता कहां से आ रहीं

Science News: हमारी आकाशगंगा, 'मिल्की वे' के केंद्र में स्थित सुपरमैसिव ब्लैक होल यूं तो बेहद शांत है. लेकिन इसके आसपास का इलाका बिल्कुल भी शांत नहीं है. वहां बड़े पैमाने पर कुछ ऐसा हो रहा है जो भयानक गामा किरणें पैदा कर रहा है. मेक्सिको के पहाड़ों में लगी एक ऑब्जर्वेटरी ने आकाशगंगा के केंद्र के नजदीक एक बिंदु से अब तक रिकॉर्ड की गई सबसे अधिक ऊर्जा वाली गामा किरणों में से कुछ का बार-बार उत्सर्जन दर्ज किया है.

यह सोर्स जिसका नाम HAWC J1746-2856 रखा गया है, के बारे में हमें कुछ पता नहीं है. हालांकि, लगातार सात सालों तक इसकी निगरानी करने पर ऑब्जर्वेटरी ने 98 गामा-किरण घटनाएं दर्ज कीं, जिनका ऊर्जा स्तर 100 टेराइलेक्ट्रॉनवोल्ट से अधिक था. यह रिसर्च The Astrophysical Journal Letters में छपी है.

गैलेक्टिक सेंटर में कुछ तो एक्सट्रीम हो रहा!

लॉस एलामोस नेशनल लेबोरेटरी के भौतिक विज्ञानी पैट हार्डिंग कहते हैं, 'ये परिणाम आकाशगंगा के केंद्र की एक झलक हैं, जो पहले कभी नहीं देखी गई ऊर्जा से कहीं अधिक है. इस रिसर्च में पहली बार आकाशगंगा में एक स्थान पर अति-उच्च ऊर्जा वाली गामा किरणों के पेवेट्रॉन स्रोत की पुष्टि की गई है, जिसे गैलेक्टिक सेंटर रिज के नाम से जाना जाता है. इसका अर्थ है कि गैलेक्टिक केंद्र ब्रह्मांड में कुछ सबसे चरम भौतिक प्रक्रियाओं का घर है.'

यह भी पढ़ें: स्पेस में मौजूद सैटेलाइट से धरती पर सप्लाई होगी बिजली, रोशन होंगे 3000 घर; यह देश करने जा रहा 'चमत्कार'

क्या होते हैं पेवट्रॉन?

पेवट्रॉन आपको तब मिलता है जब आप कॉस्मिक किरणों को विशाल, प्राकृतिक पार्टिकल एक्सीलेटर कण त्वरक से मिलाते हैं. सुपरनोवा अवशेष, जन्म लेते हुए तारे और सुपरमैसिव ब्लैक होल के आसपास के शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र जैसे वातावरण पेवट्रॉन हो सकते हैं. अगर पार्टिकल एक्सीलेटर पर्याप्त ताकतवर है तो यह कॉस्मिक किरणों को बेहद उच्च-ऊर्जा में एक्सीलेट कर सकता है. अपनी शक्ति के बावजूद, ऐसे उच्च-ऊर्जा त्वरक आसानी से नहीं मिलते.

अंतरिक्ष में फटा यूरोप का सैटेलाइट, हो गए 20 टुकड़े... चलाने वाली कंपनी को भी नहीं पता क्या हुआ; भड़का रूस

कहां से आ रहीं ये गामा किरणें?

HAWC J1746-2856 नामक यह एक्सीलेटर आकाशगंगा के केंद्र से अब तक का सबसे शक्तिशाली उत्सर्जन करता है. रिसर्च टीम अब भी HAWC J1746-2856 की पहचान का पता नहीं लगा पाई है. सोर्स की लोकेशन के आसपास कोई ज्ञात सुपरनोवा अवशेष नहीं है. उस इलाके में दो चीजें हैं जो उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं - सुपरमैसिव ब्लैक होल जिसके चारों ओर आकाशगंगा घूमती है, सॅजिटेरियस A*; और एक ज्ञात, लेकिन अज्ञात गामा-रे उत्सर्जक जिसे HESS J1746-285 कहा जाता है, रेडियो आर्क नामक एक गैलेक्सी फीचर के पास है.

विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news