एटीएम का पासवर्ड सिर्फ चार अंकों का ही क्यों होता है? जानिये रोचक वजह
अमूमन सभी लोग एटीएम का उपयोग करते हैं। आज पैसों के लेन-देन के सबसे सुविधाजनक माध्यमों में से एक है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एटीएम पासवर्ड सिर्फ चार अंकों का (फोर डिजीट) ही क्यों होता है? क्यों नहीं आपके ई-मेल, फेसबुक अकाउंट या इंटरनेट बैंकिंग की तरह कम से कम छह अंकों का होता है?
नई दिल्ली : अमूमन सभी लोग एटीएम का उपयोग करते हैं। आज पैसों के लेन-देन के सबसे सुविधाजनक माध्यमों में से एक है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एटीएम पासवर्ड सिर्फ चार अंकों का (फोर डिजीट) ही क्यों होता है? क्यों नहीं आपके ई-मेल, फेसबुक अकाउंट या इंटरनेट बैंकिंग की तरह कम से कम छह अंकों का होता है?
आविष्कारक की पत्नी है इसकी वजह
इसके पीछे एक बेहद रोचक कारण है। एटीएम का आविष्कार जॉन एड्रियन शेफर्ड-बेरॉन ने किया था। उन्होंने छह अंकीय पासवर्ड का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अपनी पत्नी की वजह से उन्हें यह प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। दरअसल, उनकी पत्नी कैरोलिन अधिकतम चार अंकों की संख्या ही याद रख सकती थी। इससे लंबी संख्याओं को याद रखने के लिये उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी।
जानिये, एटीएम का इंडिया कनेक्शन!
वैश्विक तौर पर एटीएम जिसका पूरा नाम ऑटोमैटेड टेलर मशीन है, का उपयोग सन 1967 से किया जा रहा है। इसका आविष्कार करने वाले बेरॉन का जन्म भारत के पूर्वोत्तर स्थित राज्य मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में हुआ था।