Aman Sehrawat: कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है और पेरिस ओलंपिक में भारत को कुश्ती का ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाले अमन सेहरावत को 4.6 किलो वजन खोना पड़ा. सेमीफाइनल में जापान के रेइ हिगुची से हारने के बाद अमन का वजन 61.5 किलो आया था. अब ब्रॉन्ज मेडल के प्लेऑफ के लिए मैट पर उतरने से पहले उनके सामने वजन कम करने की चुनौती थी. ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले भारत के सबसे युवा खिलाड़ी अमन सेहरावत ने दस घंटे के भीतर 4.6 किलो वजन कम किया, क्योंकि उन्हें 57 किलोवर्ग के मुकाबले में उतरना था.


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अमन शेहरावत की कामयाबी का खुला राज


दूसरे दिन सुबह वजन किया गया तो कोच जगमंदर सिंह और वीरेंदर दहिया ने राहत की सांस ली, क्योंकि अमन शेहरावत का वजन निर्धारित सीमा के भीतर आया. कुछ दिन पहले ही विनेश फोगाट 100 ग्राम वजन अधिक पाए जाने के कारण फाइनल से अयोग्य करार दी गई थी. अमन ने ‘मिशन ’ की शुरूआत डेढ़ घंटे अपने दो सीनियर कोचों के साथ मैट पर अभ्यास करने के साथ की. इसके बाद एक घंटा गर्म पानी से स्नान किया. चूंकि पसीने से भी वजन कम होता है तो आधा घंटे के ब्रेक के बाद पांच-पांच मिनट के पांच ‘सौना बाथ’ सेशन हुए.


10 घंटे में इस तरह घटाया 4.6 किलो वजन


आखिरी सेशन के बाद अमन का वजन 900 ग्राम अधिक था तो उनकी मालिश की गई और कोचों ने उसे हल्की जॉगिंग करने के लिए कहा. इसके बाद 15 मिनट दौड़ लगाई. सुबह 4.30 तक उसका वजन 56.9 किलो आ गया. इस दौरान अमन को गर्म पानी के साथ नींबू और शहद और थोड़ी कॉफी दी गई. अमन उसके बाद सो ही नहीं सका. अमन ने कहा,‘मैंने कुश्ती के मुकाबलों के वीडियो पूरी रात देखे.’


कोच ने सुनाया पूरा किस्सा 


कोच ने कहा, ‘हम हर घंटे उसका वजन जांचते रहे. पूरी रात और दिन भर भी नहीं सोए. विनेश के साथ जो हुआ, उसके बाद तनाव था. वैसे वजन कम करना रूटीन का हिस्सा होता है, लेकिन इस बार हम एक और पदक यूं नहीं गंवाना चाहते थे.’ अमन ने पुएर्तो रिको के डारियन क्रूज को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता.