किदांबी श्रीकांत ने रचा इतिहास, बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल पर कब्जा
भारत के किदांबी श्रीकांत का बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में शानदार सफर रविवार को यहां सिंगापुर के लोह कीन यू से पुरुष एकल के फाइनल में सीधे गेम में हारने के बाद सिल्वर मेडल के साथ समाप्त हुआ.
नई दिल्ली: भारत के किदांबी श्रीकांत का बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में शानदार सफर रविवार को यहां सिंगापुर के लोह कीन यू से पुरुष एकल के फाइनल में सीधे गेम में हारने के बाद सिल्वर मेडल के साथ समाप्त हुआ. बता दें कि श्रीकांत ऐसा करने वाले भारत के इकलौते पुरुष खिलाड़ी हैं. श्रीकांत 43 मिनट तक मुकाबले को 15-21, 20-22 से हार गए. विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत पहले गेम में 9-3 से आगे थे लेकिन सिंगापुर के उनके प्रतिद्वंद्वी ने अच्छी वापसी की. श्रीकांत ने पहला गेम सिर्फ 16 मिनट में गंवा दिया.
श्रीकांत के हाथ लगी निराशा
श्रीकांत ने दूसरे गेम में बेहतर संघर्ष किया लेकिन लोह कीन यू ने दमदार प्रदर्शन किया और विजेता बनकर उभरे. सिंगापुर के इस 24 साल के खिलाड़ी ने पुरुष एकल स्पर्धा में इससे पहले दुनिया के नंबर एक और मौजूदा ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन को हराकर चौंका दिया था. श्रीकांत ने शनिवार को हमवतन लक्ष्य सेन पर जीत के बाद चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनकर इतिहास रचा था.
सेन को ब्रॉन्ज
भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने इससे पहले सेमीफाइनल में लक्ष्य सेन के खिलाफ निर्णायक मुकाबले में लगातार पांच अंक हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया. श्रीकांत ने 3 गेमों में विजेता बनकर फाइनल में प्रवेश किया. लक्ष्य ने पहला गेम जीता, लेकिन श्रीकांत ने दूसरे गेम में जोरदार वापसी की और अपने अनुभव का इस्तेमाल जीत को सील करने और अपने पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने के लिए किया. 28 साल के श्रीकांत ने पहले सेमीफाइनल में हमवतन सेन को 21-14, 21-17 से सिर्फ एक घंटे में हराया.
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सेमीफाइनल मुकाबले में पहली बार थे दो भारतीय
बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन सेमीफाइनल मुकाबले में पहली बार आमने-सामने थे. लक्ष्य ने पहला गेम जीता था. इसके बाद श्रीकांत ने कुछ अच्छे शॉट खेले. लक्ष्य ने पहले गेम में बढ़त लेने के लिए लड़ाई लड़ी, मगर श्रीकांत ने 2-2 से बढ़त बना ली. दूसरे गेम में गोल करने के बाद 12वीं वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने लक्ष्य पर दबाव बनाए रखने के लिए कुछ शानदार शॉट खेलकर 9-9 से बढ़त बना ली. पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 ने 13-10 की बढ़त खोली और धीरे-धीरे गेम 21-14 से जीतकर 1-1 से बराबरी कर ली.