भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका : ये रोमांचक मैच बता रहे कौन पड़ता है किस पर भारी
दक्षिण अफ्रीका की टीम दुनिया की सबसे अप्रत्याशित परिणाम देने वाली टीम मानी जाती है. जिस टीम को कोई नहीं हरा सकता और यह टीम आसानी से हरा देती है और जिस टीम से कोई नहीं हारता, उस टीम से दक्षिण अफ्रीका आसानी से हार जाती है.
नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका की टीम दुनिया की सबसे अप्रत्याशित परिणाम देने वाली टीम मानी जाती है. जिस टीम को कोई नहीं हरा सकता और यह टीम आसानी से हरा देती है और जिस टीम से कोई नहीं हारता, उस टीम से दक्षिण अफ्रीका आसानी से हार जाती है.
दूसरी बात, जब आपको लगता है कि अफ्रीका जीत रही है तो वह हार जाती है और जब आप को मैदान पर अफ्रीका हारती दिखाई पड़ती है तो वह आसानी से जीत जाती है. भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका का पलड़ा भारी रहा है. दोनों के बीच कुछ ऐसे ही रोमांचक मैचों पर एक नजर डालते हैं:
दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत, सेंचुरियन 2011
भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थी. यह एकदिवसीय श्रृंखला का पांचवां मैच था. दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 46 ओवरों के इस मैच में 250 रन बनाए. यानी भारत को जीतने के लिए 251 रन बनाने थे. यह काम बहुत मुश्किल नहीं था. लेकिन अफ्रीकी गेंदबाजों के इरादे कुछ और थे. 21 रन पर भारत का पहला विकेट रोहित शर्मा के रूप में गिरा. कोहली के रूप में दूसरा विकेट भी जल्दी गिर गया. इसके बाद तो विकेटों का पतन ही शुरू हो गया.
74 रन तक भारत के 6 विकेट गिर चुके थे. लग रहा था कि भारत आसानी से यह मैच हार जाएगा. लेकिन यूसुफ पठान क्रीज पर थे. वह अकेले बल्लेबाज थे जो अफ्रीकी गेंदबाजों का डटकर सामना कर रहे थे. भारत यह मैच हार गया, लेकिन यूसुफ पठान ने इस मैच में शानदार शतक बनाया. उन्होंने 70 गेंदों पर 105 रन की पारी खेली जिसमें 8 छक्के और 8 चौके शामिल थे.
दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत, वानखेड़े, 2015
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 2-2 से श्रृंखला बराबर थी. यह पांचवां और अंतिम एकदिवसीय था. दक्षिण अफ्रीका ने पहले खेलते हुए शानदार बल्लेबाजी का नमूना पेश किया. डिकॉक, डुप्लेसस और डिविलियर्स ने शतक ठोक दिए. अफ्रीका स्कोर 50 ओवरों में 438 रनों तक पहुंच गया. भारत को जीतने के लिए 439 रन बनाने थे.
रोहित शर्मा, धवन, सुरेश रैना, धोनी और कोहली जैसे बल्लेबाज भारत के पास थे. लेकिन भारत की टीम ने घुटने टेक दिए और पूरी टीम महज 224 रन बनाकर आउट हो गई. अंजिक्य रहाणे ने 87 और शिखर धवन ने 60 रन बनाए. यह भारत की बड़ी हार थी.
दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत, कार्डिफ, 2013
2013 की चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का पहला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से था. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार 331 रनों का स्कोर खड़ा किया. शिखर धवन ने शानदार 114 रन और रोहित ने 65 रनों की पारी खेली. रविंद्र जडेजा ने भी 47 रन बनाए.
300 से अधिक रनों का पीछा करना कभी भी आसान नहीं होता. रोबिन पीटर्सन ने 68, डिविलियर्स ने 70 और रियान मैकलर्न ने 71 रनों की बेहतरीन पारियां खेलीं. लेकिने वे टीम को विजयी नहीं बना पाए. अफ्रीका की पूरी टीम 305 रन बना सकी और 26 रनों से मैच हार गई.
दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत, जोहान्सबर्ग, 2011
क्रिकेट हमेशा बल्लेबाजों का ही गेम नहीं होता. कभी बार गेंदबाज भी अपने दम पर मैच का रुख पलटते हैँ. 2011 में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थी. जोहान्सबर्ग में दूसरा मुकाबल दिन रात का था. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 190 रन बनाए. युवराज सिंह (53 रन) के अलावा कोई भी बल्लेबाज टिक कर बल्लेबाजी नहीं कर पाया. दक्षिण अफ्रीका के लिए 190 रनों का पीछा करना आसान ही लग रहा था. लेकिन कप्तान स्मिथ (77रन) के अलावा कोई भी अफ्रीकी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों का मुकाबला नहीं कर पाया.
मैच का रुख कभी भारत की ओर झुकता और कभी अफ्रीका की ओर. लेकिन अंत में भारत ने एक रन से मुकाबला जीत लिया. अफ्रीका की टीम 189 रनों पर आउट हो गई. इस मैच में मुनफ पटेल ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 8 ओवरों में 29 रन देकर 4 विकेट लिए. जहीर खान ने भी 2 विकेट लिए.
दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत, कानपुर 2015
कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीत पहला एक दिवसीय मैच था. अफ्रीका ने 50 ओवरों में 5 विकेट खोकर 303 रन बनाए. इस पारी की खास बात थी डिविलियर्स का शानदार शतक (104 नॉट आउट). डुप्लेसस ने भी 62 रन की बेहतरीन पारी खेली. भारत को जीत के लिए 304 रन बनाने थे.
रोहित शर्मा ने इस मैच में शानदार 150 रनों की पारी खेली. अपनी इस पारी में उन्होंने 13 चौके और 6 छक्के मारे. एक बार को लग रहा था कि मैच भारत आसानी से जीत जाएगा. रहाणे ने इस मैच में 60 रन बनाए. लेकिन अंतिम पलों में भारत ने मैच से अपनी पकड़ गंवा दी. और भारत की पूरी टीम 298 रन बना कर आउट हो गई. इस तरह भारत पांच रनों से यह मैच हार गई. लेकिन यह एक शानदार मैच था जिसमें भारत अंतिम क्षणों तक लड़ता दिखाई दिया.