नई दिल्ली: आईसीसी (ICC) टूर्नामेंट्स में पाकिस्तान के खिलाफ ज्यादातर मौकों पर टीम इंडिया का पलड़ा भारी रहा है, लेकिन 13 साल पहले 24 सितंबर को मिली जीत इनमें सबसे बड़ी और खास थी. दरअसल आज ही के दिन भारत ने पहली बार आयोजित किए गए टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान को आखिरी ओवर तक खिंचे रोमांचक मुकाबले में हराकर खिताब पर अपना नाम लिखवा लिया था. दिग्गजों की गैरमौजूदगी में पूरी तरह युवा क्रिकेटर्स के साथ मिली इस खिताबी जीत के साथ शुरू हो गया था महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट के बदलाव का भी दौर. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें- IPL 2020 KKR vs MI: तस्वीरों के जरिए जानिए मैच की पूरी कहानी


ग्रुप मैच में पाकिस्तान को सुपर ओवर में पीट चुका था भारत
फाइनल मुकाबले में मनोवैज्ञानिक तौर पर भारतीय टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा था. कारण था ग्रुप मैच में रोमांचक पलों के बीच टीम इंडिया का सुपर ओवर में पाकिस्तान को हराना. उस मैच में भी आखिरी गेंद तक मुकाबला बराबरी का रहा था, लेकिन तब सुपर ओवर में होने वाले बॉल आउट में भारत ने ज्यादा बार स्टंप गिराकर पाकिस्तानी टीम को पीट दिया था.



फाइनल में भारत ने की पहले बल्लेबाजी, गंभीर-रोहित का चमका बल्ला
फाइनल मैच में धोनी ने टॉस जीतकर अपने बल्लेबाजों को पहले जौहर दिखाने का मौका दिया. बाकी बल्लेबाज तो फेल रहे, लेकिन एक छोर से गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने जबरदस्त बल्लेबाजी की. गंभीर ने 54 गेंद में 8 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 75 रन ठोक दिए. उन्हें आखिरी ओवर्स में साथ मिला आजकल टीम इंडिया के 'हिटमैन' रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का, जो तब अपना करियर शुरू कर रहे थे. रोहित ने महज 16 गेंद में 2 चौके और 1 छक्का लगाकर नॉटआउट 30 रन ठोक दिए. नतीजतन भारतीय टीम का स्कोर 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन बना दिए. पाकिस्तान के लिए उमर गुल ने 4 ओवर में 28 रन देकर 3 विकेट लिए.


पाक के फिर संकटमोचक बने मिसबाह, इरफान ने खोली जीत की राह
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम ने इमरान नजीर (Imran Nazir) ने 14 गेंद में 28 रन और अनुभवी यूनुस खान (Younis Khan) ने 24 गेंद में 24 रन बनाए, लेकिन 4 ओवर में 16 रन पर 3 विकेट लेने वाले इरफान पठान (Irfan Pathan) और 4 ओवर में 26 रन पर 3 विकेट लेने वाले आरपी सिंह (RP Singh) ने पाकिस्तानी टीम की हालत पतली कर दी. महज 104 रन पर 7 विकेट खो चुके पाकिस्तान को एक बार फिर कप्तान मिसबाह उल हक (Misbah ul Haq) ने सहारा दिया, जो भारतीय टीम के खिलाफ लीग मैच में भी मैच टाई कराने में सफल रहे थे. मिसबाह ने टीम का स्कोर आगे बढ़ाना शुरू किया और आखिरी ओवर तक बात पहुंचा दी.



धोनी ने जोगिंदर को आखिरी ओवर देकर चौंकाया
आखिरी ओवर में जीत के लिए पाकिस्तान को 13 रन की जरूरत थी, जबकि भारत को एक विकेट चाहिए था. धोनी के सामने आखिरी ओवर कराने के लिए दो ही विकल्प बचे थे. गेंद हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) को दी जाती या फिर मैच में असर नहीं छोड़ पाए तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा (Joginder Sharma) से गेंद कराई जाती. धोनी ने दूसरा विकल्प चुनकर सभी को चौंका दिया.



सफल रहा धोनी का ये अनूठा दांव
जोगिंदर ने पहली गेंद वाइड फेंकी तो सभी ने धोनी के फैसले की आलोचना चालू कर दी. अगली गेंद खाली रही. ओवर की दूसरी वैध बॉल पर मिसबाह ने छक्का ठोक दिया. मैच खत्म लगने लगा था. लेकिन जोगिंदर की अगली गेंद को स्कूप के जरिये फाइन लेग फील्डर के ऊपर से निकालने के लालच में मिसबाह कैच उछाल बैठे, जिसे लपककर एस. श्रीसंत (S Sreesanth) ने वो कर दिखाया जिसकी इंताजर हर इंडियन फैंस को था. मिसबाह 38 गेंद में 43 रन बनाकर आउट हो चुके थे और भारतीय युवाओं की टीम दुनिया की पहली टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन बनने का इतिहास रच चुकी थी. इरफान पठान को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया.