Jasprit Bumrah Injury: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-3 से हार के बाद भारतीय टीम आलोचकों के निशाने पर है. कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली सहित कई खिलाड़ियों की आलोचना हो रही है. अब तक किसी ने भी स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के बारे में कुछ नहीं कहा था. बुमराह सीरीज में सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने 5 मैचों में 32 विकेट लिए. उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया. अब वह भी नहीं बच पाए हैं. वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर एक पूर्व क्रिकेटर ने उन पर सवाल उठाए हैं.


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सिडनी में खली बुमराह की कमी


31 वर्षीय तेज गेंदबाज बुमराह ने दौरे पर 150 से ज्यादा ओवर फेंके. सिडनी में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच की दूसरी पारी में पीठ में समस्या के कारण बॉलिंग नहीं कर पाए थे. उनकी कमी टीम इंडिया को खली थी. भारत सिडनी टेस्ट हार गया और सीरीज बचाने में नाकाम रहा. पूर्व तेज गेंदबाज और 1983 वर्ल्ड कप विनिंग टीम के सदस्य बलविंदर संधू ने बुमराह के वर्कलोड को बकवास बताया है.


बलविंदर संधू ने उठाए सवाल


बलविंदर संधू का मानना ​​है कि उच्चतम स्तर पर एक तेज गेंदबाज के लिए टेस्ट पारी में 15-20 ओवर गेंदबाजी करना कोई बड़ी चुनौती नहीं होनी चाहिए. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ''वर्कलोड? उन्होंने कितने ओवर फेंके? 150-कुछ, है न? लेकिन कितने मैच या पारी में? पांच मैच या नौ पारी, है न? इसका मतलब है कि हर पारी में 16 ओवर या हर मैच में 30 ओवर और उन्होंने एक बार में 15 से ज्यादा ओवर नहीं फेंके, उन्होंने स्पेल में गेंदबाजी की. तो क्या यह कोई बड़ी बात है? वर्कलोड मैनेजमेंट बकवास है. ये ऑस्ट्रेलियाई शब्द हैं, जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने बनाया है.''


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वर्कलोड मैनेजमेंट से सहमत नहीं संधू


टाइम्स ऑफ इंडिया से संधू ने आगे कहा, ''वर्कलोड मैनेजमेंट कुछ भी नहीं है. मैं इससे सहमत नहीं हूं. मैं ऐसे दौर से आता हूं जब क्रिकेटर अपने शरीर की सुनते थे और किसी और की नहीं. मैं इससे बिल्कुल सहमत नहीं हूं. एक दिन में 15 ओवर गेंदबाजी करना और वह भी अलग-अलग स्पेल में, गेंदबाज के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. आप टेस्ट मैच के सभी पांचों दिन गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं. उन्होंने उन ओवरों को करने के लिए तीन या चार स्पेल लिए. अगर आप भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं, तो आपके पास एक पारी में कम से कम 20 ओवर फेंकने की ताकत होनी चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो वापस जाकर टी20 खेलना बेहतर है, जहां आपको केवल चार ओवर फेंकने होते हैं. यहां तक ​​कि वे चार ओवर भी तीन स्पेल में फेंके जाते हैं.''


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बुमराह की कप्तानी में पर्थ में मिली थी जीत


बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दो मैचों में कप्तानी की थी. पर्थ में पहले टेस्ट में उन्होंने यादगार जीत दिलाई थी. भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में 0-3 से हारकर ऑस्ट्रेलिया गई थी. वहां बुमराह की कप्तानी में टीम ने जोरदार वापसी की और पहले टेस्ट को जीत लिया. हालांकि, उसके बाद टीम को 3 हार का सामना करना पड़ा. ब्रिस्बेन में तीसरा टेस्ट ड्रॉ हुआ था.