नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका और आरसीबी के पूर्व क्रिकेटर एबी डिविलियर्स का जितना फैन बेस पूरी दुनिया में है उतना तो सिर्फ भारत में ही होगा. दुनिया के सबसे चहेते खिलाड़ियों में से एक डिविलियर्स ने अपने क्रिकेट करियर में पूरी दुनिया का प्यार पाया है. लेकिन अब डिविलियर्स एक बेहद घटिया आरोप के दोषी पाए गए हैं. डिविलियर्स को क्रिकेट में नस्लवाद का दोषी पाया गया है.     


डिविलियर्स पर लगे बड़े आरोप


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क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका और एबी डिविलियर्स तथा ग्रीम स्मिथ जैसे पूर्व खिलाड़ियों को सामाजिक न्याय और राष्ट्र निर्माण आयोग ने खिलाड़ियों के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित आचरण का दोषी बताया है. इस घटनाक्रम से देश के क्रिकेट में नया तूफान आने की आशंका है. आयोग के प्रमुख डुमिसा एन ने 235 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट में सीएसए प्रशासन, पूर्व कप्तान और मौजूदा निदेशक ग्रीम स्मिथ , मौजूदा मुख्य कोच मार्क बाउचर और पूर्व बल्लेबाज एबी डिविलियर्स को अश्वेत खिलाड़ियों के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित आचरण का दोषी बताया है.


डिविलियर्स ने किया खंडन


दक्षिण अफ्रीका के चहेते क्रिकेटरों में शामिल डिविलियर्स ने इन आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं क्रिकेट में समान मौके सुनिश्चित करने के सीएसए के सामाजिक न्याय और राष्ट्रनिर्माण आयोग के लक्ष्य का समर्थन करता हूं. लेकिन मैने अपने कैरियर में क्रिकेट संबंधी ईमानदार राय टीम के हित में ही दी है, किसी की नस्ल के आधार पर नहीं. यही सच है.’


रिपोर्ट में आया सब सामने


ईएसपीएन क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार आयोग ने दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट में नस्ल और लिंग आधारित शिकायतों के निवारण के लिए स्थाई लोकपाल की नियुक्ति की सिफारिश की है. यह मामला तब प्रकाश में आया जब बाउचर और पूर्व स्पिनर पॉल एडम्स ने बताया कि एडम्स को साथी खिलाड़ियों द्वारा नस्लपरक उपनाम दिया गया था. आयोग ने बाउचर के 2012 में संन्यास लेने के बाद थामी सोलेकिले का चयन नहीं किए जाने पर भी चिंता जताते हुए इसे नस्लीय भेदभाव कहा.