Unique Records of Cricket: टी20, एक ऐसा फॉर्मेट जहां बल्लेबाजों की बादशाहत देखने को मिलती है. लेकिन गेंदबाजों की असली परीक्षा इसी फॉर्मेट में होती है. छोटे प्रारूप में 5 विकेट लेना किसी शतक से कम नहीं माना जाता है. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि एक गेंदबाज ने एक ही ओवर में पांच विकेट झटक दिए तो शायद किसी को भरोसा न हो. 6 गेंद में 6 छक्के लग सकते हैं, एक ओवर में हैट्रिक हो सकती है. लेकिन एक ओवर में 5 विकेट, ये किसी चमत्कार से कम नहीं है. ऐसा चमत्कार करने वाला कोई विदेशी नहीं बल्कि भारतीय गेंदबाज था, जिसने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों में दहशत पैदा कर दी थी. 


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सालभर में खत्म हुआ इंटरनेशनल करियर


हम बात कर रहे हैं पूर्व तेज गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन की, जिनके नाम तीनों फॉर्मेट में हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. हालांकि, यह उपलब्धि मिथुन ने घरेलू क्रिकेट हासिल की और चर्चा में आ गए थे. अपनी बेहतरी गेंदबाजी के चलते उन्हें टीम इंडिया से कॉल भी आया. लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर अभिमन्यु मिथुल वो जादू नहीं चला सके. 2010 में डेब्यू करने वाले मिथुन ने केवल 4 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेले. उनके नाम टेस्ट में 9 जबकि वनडे में 5 विकेट दर्ज हैं.


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तीनों फॉर्मेट में हैट्रिक


अभिमन्यु मिथुन ने फर्स्ट क्लास डेब्यू में ही अपनी गेंदबाजी का कमाल दिखा दिया था. उन्होंने 2009 में कर्नाटक की तरफ से खेलते हुए उत्तर प्रदेश के खिलाफ हैट्रिक लेकर तबाही मचा दी थी. अभिमन्यु यहीं नहीं थमे और 2019 में अपने बर्थडे पर विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में हैट्रिक ली. उन्होंने अपनी टीम को खिताबी जीत दिलाकर बर्थडे को ऐतिहासिक बना दिया था. क्योंकि उन्होंने अपनी टीम की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई. 


टी20 के एक ओवर में 5 विकेट लेकर मचाई खलबली


पहले ही एकदिवसीय और लंबे प्रारूप में हैट्रिक लेकर अभिमन्यु सुर्खियां बटोर चुके थे. लेकिन इस बार उन्होंने टी20 के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले अपनी चमत्कारी गेंदबाजी से खलबली मचा डाल. अभिन्यु ने इस मुकाबले के अपने एक ओवर में 5 विकेट लेकर इतिहास रच दिया. उनका यह रिकॉर्ड अभी भी अटूट है. मिथुन ने पारी के लास्ट ओवर की पहली चार गेंदों पर हिमांशु राणा, राहुल तेवतिया, सुमित कुमार और अमित मिश्रा जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया. इसके बाद एक वाइड गेंद ने उनके इस जादुई स्पेल को थोड़ा बाधित किया. इसके बाद आखिरी गेंद पर उन्होंने जयंत यादव का विकेट लेकर इसे रिकॉर्डबुक में दर्ज करवा दिया. इस भयावह गेंदबाजी के बावजूद उन्हें टीम इंडिया के लिए कभी टी20 खेलने का मौका नहीं मिला.