सिडनी : पूर्व कप्तान किम ह्यूज का मानना है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भारत के खिलाफ सीरीज के दौरान विराट कोहली से निपटते हुए दबकर नहीं रह सकते और उन्हें दुनिया के इस शीर्ष बल्लेबाज को कड़ी टक्कर देनी होगी. दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद से ऑस्ट्रेलिया ने मैदान पर थोड़ा नरम रुख अपनाया है. स्वतंत्र समीक्षा में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करने का माहौल तैयार करने का दोषी ठहराया गया, जिसके कारण केपटाउन की कुख्यात घटना हुई. ह्यूज को हालांकि भारतीय कप्तान कोहली के साथ मामूली शाब्दिक जंग में कुछ गलत नजर नहीं आता.


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सिडनी मोर्निंग हेराल्ड ने ह्यूज के हवाले से कहा, ''आप दबकर नहीं रहना चाहते. यह उसके (कोहली) खिलाफ नस्लीय टिप्पणी या इस तरह की कुछ चीज नहीं हैं, लेकिन उसे घूरकर देखा जा सकता है या कुछ शाब्दिक बाण, यह ऑस्ट्रेलिया का तरीका है.'' 


उन्होंने कहा, ''अगर वह (कोहली) दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी नहीं हैं तो शीर्ष दो या तीन में शामिल है. मुझे लगता है कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं. जब दुनिया में एक अरब 20 करोड़ लोग आपका समर्थन कर रहे हों और आपसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हों तो दबाव होता है.'' ह्यूज ने कहा कि अगर दबाव में डाला जाए तो कोहली को कमजोर किया जा सकता है.


बता दें कि ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले विराट कोहली ने कहा था कि मुझे लगता कि यह (छींटाकशी नहीं की नीति) उनका बेहद निजी मामला है. लेकिन जब मैदान पर बहस में शामिल होने या जिसे लोग झगड़ा नाम दे देते हैं, उसकी बात है तो मुझे इस तरह की किसी कहासुनी के बिना खेलना अच्छा लगेगा. विराट ने कहा था कि मैं खुद की स्थिति से खुश हूं. मुझे निजी तौर पर अब इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. मेरे कहने का मतलब है कि मुझे अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है. मैं बिना किसी प्रेरणा के खेल सकता हूं. अपने करियर के शुरुआती वर्षों के दौरान मुझे जो अहसास होता था वे बेहद अपरिपक्व चीजें थी.


हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस को भी इस पर विश्वास नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय कप्तान की छींटाकशी के लिए उनके खिलाड़ियों को तैयार रहना चाहिए. कमिंस ने कहा कि मैंने उन्हें मीडिया से ऐसी बातें करते हुए सुना है कि वे छींटाकशी नहीं करेंगे लेकिन वह ऐसा नहीं करते हैं तो मुझे हैरानी होगी. अब इस मुकाबले में स्लेजिंग होगी या नहीं, यह तो अभी नहीं कहा जा सकता लेकिन स्लेजिंग के मामले में भारत और ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड काफी खराब रहा है.