मेलबर्न: 1999 के विश्वकप में जब सुपरसिक्स के 'करो या मरो' के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी हर्शब गिब्स ने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ का कैच छोड़ा था तो स्टीव वॉ ने कहा था कि तुमने कैच नहीं, विश्वकप टपका दिया है. वॉ की यह बात सौ फीसदी सच साबित हुई. कुछ इसी तरह का नजारा शुक्रवार को मेलबर्न वनडे में देखने को मिला जब मेजबान टीम ऑस्ट्रेलिया ने फील्डिंग में कई मौके गंवाए. अगर वह इन्हें हासिल करने में सफल रहती तो शायद मैच का परिणाम बदल भी सकता था. 


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ऑस्ट्रेलिया ने धोनी के दो कैच छोड़े और एक कैच लिया भी लेकिन अपनी ही भूल के चलते आउट नहीं कर पाई. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने धोनी की बल्लेबाजी के दौरान एक ऐसी भूल की जिस पर अगर ध्यान चला गया होता तो मैच का नक्शा ही बदल जाता. आइए एक-एक करके सब पर चर्चा करते हैं: 


क्रीज पर उतरते ही धोनी को जीवनदान मिला
ऑस्ट्रेलिया ने शानदार मौका तब गंवाया जब धवन के आउट करने के बाद धोनी क्रीज पर उतरे. मेजबानों के सबसे फुर्तीले फील्डर ग्लेन मैक्सवेल ने स्टोइनिस की गेंद पर उनका कैच छोड़ दिया. धोनी ने तब खाता भी नहीं खोला था. मैक्सवेल टीम के सबसे तेजतर्रार खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्होंने बैकवर्ड पॉइंट पर कैच ड्रॉप कर दिया. ये महज संयोग ही है कि 1999 के विश्वकप की जिस घटना का जिक्र ऊपर किया गया है, उसमें हर्शब गिब्स जैसे फुर्तीले फील्डर ने स्टीव वॉ का कैच छोड़ा था. 


तो नाबाद नहीं लौट पाते धोनी
धोनी ने पहली गेंद पर मिले जीवनदान का फायदा उठाया. टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला और ऑस्ट्रेलिया को कोई मौका नहीं दिया. धोनी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए टीम को जीत के मुहाने पर ले आए लेकिन फिर 47.1 ओवर में एक बार फिर से धोनी को जीवनदान मिला. इस बार फिंच ने उनका कैच ड्रॉप कर दिया. इसी गेंद पर दो रन लेने के चक्कर में केदार जाधव रन आउट होते-होते बचे.


 



 


ऑस्ट्रेलिया को बहुत भारी पड़ी यह भूल
धोनी की आउट करने का एक और मौका ऑस्ट्रेलिया टीम के पास था लेकिन उससे बड़ी चूक हो गई. बात 28.5 ओवर की है. धोनी तब 34 रन पर खेल रहे थे. पीटर सिडल की गेंद धोनी के बल्ले को छूती हुई विकेटकीपर के दस्तानों में समा गई. हॉटस्पॉट में साफ दिखा कि गेंद, बल्ले से टच हुई लेकिन थी लेकिन कोई अपील न होने से धोनी बच गए. नतीजा यह रहा कि मैच और सीरीज ऑस्ट्रेलिया ने गंवा दी. धोनी ने 114 गेंद खेलते हुए छह चौके की मदद से नाबाद 87 रन की पारी खेली जबकि जाधव ने 57 गेंद में सात चौके से नाबाद 61 रन बनाए.