नई दिल्ली: क्रिकेट की दुनिया में सलामी बल्लेबाज अपने शानदार शुरुआत के लिए जाने जाते हैं. वे आगे आकर टीम के लिए रन बनाते हैं और वह टीम की अगुआई करते दिखाई देते हैं. ऐसा की कुछ अंदाज टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का भी रहा जिन्होंने इसी साल ही राजनीति में कदम रखा. गंभीर सोमवार को 38 साल के हो गए हैं. 14 अक्टूबर 1981 को जन्मे गंभीर राजनीति की नई पारी भी एक सलामी बल्लेबाज की तरह ही शुरू की है.


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2016 में खेला था अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच
गौतम ने अपना अंतिम इंटरनेशनल मैच नवंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. तब से वह टीम इंडिया में अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे एक समय आईपीएल के सफल कप्तान माने जाने वाले गौतम का 2018 आईपीएल बहुत खराब रहा और उन्होंने बीच में अपनी कप्तान छोड़ दी. इस दौरान वे दिल्ली की घरेलू टीम के कप्तान बने रहे. पिछले साल ही उन्होंने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने के बाद राजनीति से अपना नाता जोड़ लिया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.


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राजनीति में प्रवेश
राजनीति में आने के बाद गौतम ने दिल्ली को अपने राजनीति का कार्यक्षेत्र बनाया और पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद भी चुने गए. गौतम गंभीर सोशल मीडिया पर अपनी राजनैतिक सामाजिक गतिविधियों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. अपने क्षेत्र में होने वाली अहम गतिविधियों से लेकर वे क्रिकेट में होने वाली खास घटनाओं को भी सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. पिछले दिनों अष्टमी कंजक पर गंभीर की एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें वे अपने बेटियों के पैर छू रहे हैं. उस तस्वीर को गंभीर ने शेयर करते हुए बताया था कि वे एक पिता के तौर पर परिपक्व होते जा रहे हैं.



ऐसा है रिकॉर्ड
2003 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करिअर की शुरुआत करने वाले गौतम गंभीर सभी प्रारूपों में 242 मैच खेले. इसमें उन्होंने 10324 रन बनाए. जुलाई 2008 से जनवरी 2010 के दौरान वे अपने करियर के बेहतरीन दौर से गुजरे. इस दौरान गौतम ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी-20) की 78 पारियों में 3384 रन बनाए. इस 18 महीने के दौरान गौतम ने  9 शतक और 19 अर्धशतक जमाए. इसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है, जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में बनाया.



इन खास बातों के लिए क्रिकेटर के तौर पर जाने जाते हैं गंभीर
दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले टी-20 वर्ल्डकप में अगर भारत ने खिताबी जीत दर्ज की तो इसके पीछे बड़ा कारण गौतम गंभीर की बल्लेबाजी भी रही. उन्होंने इस टूर्नामेंट में 3 अर्धशतक लगाए. इसमें फाइनल में पाकिस्तान के विरुद्ध खेली गई 75 रनों की पारी भी शामिल है. इसके अलावा 2011 के वर्ल्डकप फाइनल में भी उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सबसे बड़ी पारी खेली. इस मैच में उन्होंने 97 रनों की पारी खेली. गौतम गंभीर केवल एक भारतीय और चार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों में से एक है जिन्होंने लगातार पांच टेस्ट मैचों में शतक लगाया है. वह लगातार चार टेस्ट सीरीज में 300 से ज्यादा रन बनाने वाले वे एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं.  अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें वर्ष 2008 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा खेल पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया था.