GameOver: अच्छे क्रिकेटर्स को क्यों नहीं मिलता मौका? चीफ सिलेक्टर ने बताया- टीम इंडिया में टैलेंट से नहीं ऐसे मिलती है एंट्री
Chetan Sharma Sting Operation: क्रिकेट प्रेमी हमेशा से ये सोचते आए हैं कि किसी खिलाड़ी को टीम में जगह, उसके प्रदर्शन के आधार पर मिलती है. लेकिन चेतन शर्मा के मुताबिक ऐसा नहीं है. उन्होंने कैमरे पर खुलासा किया है कि टीम इंडिया में आने वाले खिलाड़ी की किस्मत चीफ सेलेक्टर की पसंद नापसंद पर निर्भर करती है.
GameOver: Chetan Sharma Sting Operation- जी मीडिया के सवाल और चेतन शर्मा के खुलासे... अपने आप में बताने के लिए काफी है कि टीम इंडिया में खिलाड़ियों के चयन में कैसे फेवर किया जाता है? किसी खिलाड़ी को फिट होकर भी बाहर बैठा दिया जाता है तो किसी को अनफिट होने पर भी टीम में जगह दे दी जाती है. चेतन शर्मा ने कैमरे पर खुद ही कुबूल किया कि हार्दिक आता रहता है, रोहित आधे-आधे घंटे तक फोन पर बातें करता है, उमेश और हुड्डा जैसे खिलाड़ी उनसे बार-बार मिलने आते हैं.
ये बहुत से लोगों को छोटी बातें लग सकती हैं. लेकिन सोचिए कि टीम इंडिया में आने के लिए आपका टैलेंटेड होने से ज्यादा जरूरी है चीफ सिलेक्टर्स से सेटिंग. ये मायने रखता है कि चीफ सिलेक्टर के साथ आपके संबंध कैसे है. अगर आपके संबंध अच्छे हैं, आप उनके घर आते-जाते हैं, फोन पर आधे-आधे घंटे तक बातें करते हैं, सीक्रेट बातें बताते हैं, तो टीम में आपकी जगह पक्की.
क्या चेतन शर्मा यही कहना चाहते थे? दरअसल, क्रिकेट प्रेमी हमेशा से ये सोचते आए हैं कि किसी खिलाड़ी को टीम में जगह, उसके प्रदर्शन के आधार पर मिलती है. लेकिन चेतन शर्मा के मुताबिक ऐसा नहीं है. उन्होंने कैमरे पर खुलासा किया है कि टीम इंडिया में आने वाले खिलाड़ी की किस्मत चीफ सिलेक्टर की पसंद नापसंद पर निर्भर करती है. अगर चीफ सिलेक्टर को खिलाड़ी पसंद आ गया तो प्रदर्शन कैसा भी हो, वो खेलता रहेगा और अगर खिलाड़ी पसंद नहीं हैं, तो चाहे वो घरेलू क्रिकेट में बढ़िया प्रदर्शन कर रहा हो, उसे टीम इंडिया में जगह नहीं मिलेगी.
चेतन शर्मा ने अपने बारे में या कहें कि टीम इंडिया चीफ सिलेक्टर के बारे में कुछ खास बातें बताईं, जैसे
- चीफ सिलेक्टर मतलब भारतीय क्रिकेट... चेतन के मुताबिक पूरा भारतीय क्रिकेट देश के खिलाड़ियों के टैलेंट पर नहीं, बल्कि उनके इशारों पर चल रहा है.
- चीफ सिलेक्टर मतलब टीम इंडिया... चेतन के मुताबिक टीम इंडिया में खेल रहा हर खिलाड़ी चीफ सिलेक्टर की पसंद-नापसंद पर खेल रहा है. प्रदर्शन वगैरह कोई मायने नहीं रखता.
- चीफ सिलेक्टर मतलब क्रिकेटर का भविष्य... चेतन ने साफ कर दिया कि उन्हें अगर कोई पसंद हैं तो क्रिकेटर की लाइफ बना देंगे. वो तब तक खेलता रहेगा, जब तक चेतन चाहेंगे और अगर कोई खिलाड़ी उन्हें पसंद नहीं है, तो वो टीम इंडिया में जीवनभर नहीं खेल पाएगा.
-चीफ सिलेक्टर मतलब भारतीय क्रिकेट का भविष्य... चेतन की बातों से यही लगा कि वो खुद को भारतीय क्रिकेट के भविष्य का निर्माता मानते हैं. उनके मुताबिक तो वही भारतीय क्रिकेट के कर्ताधर्ता हैं.
अब ये लगता है कि खराब प्रदर्शन के बावजूद केएल राहुल या किसी भी अन्य खिलाड़ी का टीम में बने रहने के पीछे वजह मौका दिया जाना नहीं है, बल्कि चेतन शर्मा के साथ अच्छे संबंध है. चेतन शर्मा ने कैमरे के सामने विराट कोहली को लेकर कहा कि वो खुद को खेल से बड़ा समझने लगा था. लेकिन यहां तो ये लग रहा है कि चेतन शर्मा यानी टीम इंडिया के चीफ सिलेक्टर खुद को ही भारतीय क्रिकेट का भगवान समझने लगे हैं.
केएल राहुल ही नहीं, हाल ही में टीम इंडिया के विकेटकीपर को लेकर भी जंग चल रही है. ऋषभ पंत को लेकर भी काफी विवाद उठे थे. उनके खराब प्रदर्शन के बावजूद किसी और विकेट कीपर को टीम में ट्राई तक नहीं किया गया. तो क्या मान लिया जाए कि ऋषभ पंत के संबंध भी चीफ सिलेक्टर चेतन शर्मा से बहुत अच्छे थे या फिर ये मान लिया जाए कि चेतन शर्मा को ऋषभ पसंद थे.
खिलाड़ियों को भी मालूम है कि अगर चेतन खुश नहीं हैं तो टीम में उनकी जगह पक्की नहीं है. भले ही वो अच्छा प्रदर्शन करते रहें. टीम में बने रहने के लिए ही खिलाड़ी चेतन को भी खुश रखते हैं और इंजेक्शन लेकर खुद को फिट दिखाने में ही लगे रहते हैं. उन्हें ये भी मालूम है कि चेतन से अच्छे संबंध बनाने के लिए उनके दरवाजे पर कई खिलाड़ी रोज दस्तक दे रहे हैं.
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