नई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर भारत के महान बल्लेबाज हैं लेकिन उनके अपने दौर में भी कई खिलाड़ी ऐसे थे जिन्होंने उनके रिकॉर्ड्स को चुनौती दी है. उनमें से एक खिलाड़ी ऐसा भी जिसने अपने करियर में सबसे ज्यादा बाउंसर खेली और सबसे ज्यादा उनसे चोटिल भी हुआ क्योंकि बतौर बल्लेबाज बाउंसर उसके सबसे बड़ी कमजोरी थी. वह बल्लेबाज हैं पंटर के नाम से मशहूर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग. पोंटिंग का 19 दिसंबर को जन्मदिन है. आज वे 43 साल के हो गए है.


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रिकी पोंटिंग ही हैं जो बिना हेल्मेट के मैदान में उतरे थे और चोट लगने के बाद भी उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था. रिकी जैसा साहसी खिलाड़ी बिरले ही मिलता है.



मजेदार बात यह है कि आज रिकी अपनी इन कमजोरी और कड़वी यादों से नहीं बल्कि शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. जिन्होंने कम समय में ही उस दौर के सारे दिग्गज बल्लेबाजों को चुनौती दे डाली थी जिनमें भारत के सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे.


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वे शॉर्ट गेंद को शानदार तरीके से खेलने वाले पोंटिंग की एक जमाने में यह कमजोरी थी. अपने 17 साल के करियर में पॉन्टिंग ने कई बार मुंह पर गेंद खाई है. एक बार तो इंग्लैंड के स्टीव हार्मिसन की गेंद पर दो वे लहूलुहान ही हो गए थे.



यहां तक कि भारतीय गेंदबाज जगावल श्रीनाथ ने भी उनके जबड़े को चोटिल कर दिया था. लेकिन यहां भी यह गेंद उनके लिए बाकी गेंदों की तरह ही थी. 



दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर भी पॉन्टिंग के सिर पर गेंद मार चुके हैं.



 लेकिन गेंदबाज लंबे समय तक उनकी इस कमजोरी का फायदा नहीं उठा सके क्योंकि पोंटिंग ने अपनी इस कमजोरी को ही ताकत में बदल दिया था. और करियर खत्म होते होते वे दुनिया के महान बल्लेबाजों में गिने जाने लगे. पोंटिंग मे केवल 168 मैच खेलकर कुल 13378 रन बनाए हैं जिनमें उनका औसत 51.85 है. इसमें 41 शतक शामिल हैं. वनडे में भी 375 मैचों में 30 शतक और 42.04 के औसत के साथ 13704 रन बनाए हैं.


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यह रिकॉर्ड देख कर ही सचिन के रिकॉर्ड्स देखने की इच्छा होती है. सचिन ने 200 टेस्ट में 53.78 के औसत से 15921 रन बनाए हैं जिसमें 51 शतक शामिल हैं. वहीं वनडे में सचिन ने 463 वनडे में 44.83 के औसत के साथ 18436 रन बनाए हैं जिसमें 49 शतक शामिल हैं. 


दोनों की तुलना करने पर स्पष्ट है कि पोंटिंग ने सचिन से कम क्रिकेट खेला है लेकिन यह बल्लेबाज 1995 में आया और 2012 में उसने अपना आखिरी टेस्ट खेला वहीं सचिन ने 1989 में पहला टेस्ट खेलकर 2013 में आखिरी टेस्ट खेला था. कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पोंटिंग सचिन के जितना खेल पाते तो सचिन के काफी रिकॉर्ड्स तोड़ सकते थे लेकिन इतना ज्यादा खेल पाना भी तो सचिन के ही बस का था.