IND vs NZ: पुणे के स्पिन ट्रैक पर अश्विन-जडेजा से कैसे पार पाएंगे मेहमान? कीवी प्लेयर ने बताया प्लान
भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट पुणे में खेला जाएगा. उम्मीद है कि यहां स्पिनरों को ज्यादा मदद मिलेगी और गेंदबाजों को काफी कम बाउंस मिलने की संभावना है. न्यूजीलैंड के डेरिल मिचेल ने स्पिन से निपटने के लिए प्लान का खुलासा किया है.
IND vs NZ Test Series: भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट पुणे में खेला जाएगा. उम्मीद है कि यहां स्पिनरों को ज्यादा मदद मिलेगी और गेंदबाजों को काफी कम बाउंस मिलने की संभावना है. अगर ऐसा होता है तो न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों का प्रभाव काफी कम हो जाएगा. जाहिर है स्पिनर्स को पिच से मदद मिली तो अनुभवी भारतीय बॉलर्स रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा बेहद खतरनाक साबित होंगे. न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने ही बेंगलुरु में भारत को हराने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी और 36 साल के बाद वे भारत को भारत में टेस्ट मैच हराने में सफल रहे. हालांकि, दूसरे टेस्ट के पहले अभ्यास सत्र के बाद न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर डेरिल मिचेल ज्यादा चिंतित नहीं दिखे.
क्या बोले मिचेल?
मिचेल ने कहा, 'हम पिच में तो किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकते हैं. यह हमारे हाथ में नहीं है. हमारे हाथ में यह है कि हमारे सामने जो भी परिस्थिति आएगी. हम उसके प्रति अनुकूलित होने का प्रयास करें. हम कीवी हैं, हम एक जगह पर ज़्यादा समय तक नहीं ठहरते. हम हमेशा कोशिश करते हैं कि वर्तमान में जिया जाए और इस पर मुझे गर्व है. हम पिच को नहीं बदल सकते. जो होगा, सो होगा. लेकिन मुझे यकीन है कि हम एक योजना बनाएंगे. 20 विकेट लेने का तरीका ढूंढेंगे और उम्मीद है कि कुछ रन भी बनाएंगे.'
बड़ी पारी की तलाश
मिचेल स्पिन को काफी अच्छा खेलते हैं. वह स्पिन के खिलाफ कदमों का प्रयोग करते हैं. स्वीप और रिवर्स स्वीप भी लगाते हैं. हालांकि, पिछले कुछ समय से वे अपने फॉर्म की तलाश में हैं. घरेलू मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ शतक लगाने के बाद से उन्होंने 9 पारियों में 27.06 की औसत से 406 रन बनाए हैं. यह उनके टेस्ट औसत (46.08) से काफी कम है.
अपने फॉर्म पर भी दिया बयान
मिचेल ने अपनी फॉर्म पर बात करते हुए कहा, 'इस खेल की यही प्रकृति है. कभी-कभी ऐसा समय आता है, जब आप काफी रन बनाते हैं. वहीं एक ऐसा समय भी आता है, जब आपको अच्छी शुरुआत तो मिलती है, लेकिन आप उस शुरुआत को बड़ा बनाने में सफल नहीं हो पाते हैं. न्यूजीलैंड के लिए खेलना, मेरे लिए सबसे पसंदीदा चीजों में से एक है. टेस्ट क्रिकेट में अगर आप दबाव की एक बड़ी झोली अपनी पीठ में लेकर चलते हैं, तो आपके लिए चीजें मुश्किल होती चली जाएंगी. अगर मैं लगातार अपने खेल पर काम करता रहूं तो बाकी की चीजें खुद ब खुद ठीक होती जाएंगी.'