India vs Australia: गौतम गंभीर की कोचिंग में ओवर कॉन्फिडेंट होकर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम भीगी बिल्ली नजर आ रही है. ऑस्ट्रेलिया 2-1 से सीरीज में आगे है और भारतीय टीम ने बीजीटी पर पकड़ खो दी. रोहित-विराट जैसे दिग्गज फॉर्म के चलते आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं. वहीं, हेड कोच गंभीर अपनी रणनीति को लेकर रेडार में हैं. अब बीजीटी के बीच गंभीर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया कि गंभीर हेड कोच के तौर पर बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे. 


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डूब गई टीम इंडिया की लुटिया


गौतम गंभीर ने जुलाई में टीम इंडिया में हेड कोच की कुर्सी संभाली थी. इसके बाद भारतीय टीम पर एक के बाद एक धब्बे लगते नजर आए. श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया को ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद न्यूजीलैंड ने घर में घुसकर ब्लू आर्मी का सूपड़ा साफ कर इतिहास रच दिया. जिसके बाद उम्मीद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी, अब यहां भी भारतीय टीम फुस्स हो चुकी है. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि गंभीर को कुछ मजबूरियों के चलते हेड कोच कि कमान दी गई थी. 


BCCI ने मजबूरी में सौंपा पद?


बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, 'एक टेस्ट मैच बचा है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी है. अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो गौतम गंभीर की स्थिति भी सुरक्षित नहीं होगी. वह कभी भी बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे (वीवीएस लक्ष्मण थे) और कुछ जाने-माने विदेशी नाम तीनों प्रारूप के कोच नहीं बनना चाहते थे. इसलिए वह एक समझौता थे, जाहिर है कुछ अन्य मजबूरियां भी थीं.'


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कभी भी गिर सकती है गाज


गौतम गंभीर का कोचिंग करियर बहुत लंबा नहीं है. उदाहरण के तौर पर राहुल द्रविड़ ने घरेलू क्रिकेट में कोच का अनुभव  लिया था. लेकिन गंभीर बतौर मेंटॉर आईपीएल में केकेआर टीम का हिस्सा थे. केकेआर चैंपियन बनी और उन्हें टीम इंडिया का हेड कोच नामित कर दिया गया. अब अनुभव न होने का असर साफतौर पर दिख रहा है. देखना होगा कि 3 जनवरी से होने वाले सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम कैसा प्रदर्शन करती है.