नई दिल्ली: भारत सरकार ने हाल ही में खेल के सबसे बड़े पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदल कर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रख दिया है. इस बात पर जहां कई लोग सरकार का समर्थन कर रहे हैं वहीं कांग्रेस पार्टी इस बात का विरोध कर रही है. इसी बीच दिल्ली से मौजूदा सांसद और भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर ने एक बड़ा बयान दिया है. 


खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलने पर मचा है बवाल 


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राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलने पर कई कांग्रेसी नेता और लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि जब अवॉर्ड से राजीव गांधी का ही नाम हटाना है तो हाल ही में बने नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम भी बदला जाए. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हाल ही में ये मांग की थी कि मोदी स्टेडियम और दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम का नाम भी बदला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अब वह नरेंद्र मोदी स्टेडियम और अरुण जेटली स्टेडियम के नाम भी महान खिलाड़ियों के नाम पर बदलेंगे.


ध्यानचंद के नाम पर ना हो राजनीति- गंभीर


इस बात का विरोध करते हुए गंभीर ने एक बहुत बड़ा बयान दिया है. ANI के मुताबिक गंभीर ने कहा, 'मोदी का स्टेडियम से नाम हटाना चाहते हैं तो पहले जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी के नाम भी हटाने चाहिए. ध्यानचंद के नाम से राजनीति नहीं होनी चाहिए.' बता दें कि टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान ही राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलने का बड़ा फैसला भारत सरकार ने लिया था. 


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इस बात पर भी हुआ था गंभीर का विरोध 


हाल ही में एक और बात के लिए भी गौतम गंभीर का विरोध हुआ था. दरअसल जब भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल के बाद ओलंपिक में मेडल जीता तो गंभीर ने भी एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ये जीत 1983, 2007 और 2011 के क्रिकेट वर्ल्ड कप से भी बड़ी है. इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया था.