नई दिल्ली: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने सफेद गेंद के कप्तान के तौर पर नई पारी वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में 6 विकेट की जीत से शुरू करने के बाद रविवार को अपने खिलाड़ियों से नयापन लाने और खुद को चुनौती देने की बात कही. मांसपेशियों में खिंचाव से उबरने के बाद वापसी करने वाले रोहित ने 51 गेंद में 60 रन बनाए जिससे भारत ने 1000वें वनडे में 176 रन के लक्ष्य को आसानी से 28 ओवर में हासिल कर जीत दर्ज की.


हमें और बेहतर बनना है- रोहित


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रोहित (Rohit Sharma) ने मैच के बाद कहा, ‘हम बतौर टीम बेहतर से बेहतर बनना चाहते हैं. अंतिम लक्ष्य है कि टीम जो चाहती है, उसे हम हासिल कर पाएं. अगर टीम हमसे कुछ अलग चाहती है तो हमें ऐसा करना होगा. ऐसा मत सोचो कि हमें काफी बदलना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं खिलाड़ियों से खुद को चुनौती देते रहने और थोड़ा नयापन लाने और अलग चीजों को आजमाने की कोशिश करने के लिए कह रहा हूं ताकि जब जरूरत पड़े तो खिलाड़ी इसके लिये तैयार रहें.’


हमें ज्यादा विकेट नहीं गिराने चाहिए थे- रोहित


रोहित (Rohit Sharma) ने कहा, ‘मैं ‘परफेक्ट’ खेल में विश्वास नहीं करता. आप ‘परफेक्ट’ नहीं हो सकते. पर सभी ने शानदार प्रयास किया. हमने सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया. इससे काफी खुश हूं.’ यह पूछने पर कि टीम क्या अलग कर सकती थी तो 34 साल के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘बल्लेबाजी करते हुए हमें लक्ष्य का पीछा करते हुए ज्यादा विकेट नहीं गंवाने चाहिए थे, यह पहली चीज. और उनके निचले क्रम पर और अधिक दबाव बना सकते थे.’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘मैं उनसे श्रेय नहीं छीनना चाहता. हमने जिस तरह से शुरू में और फिर अंत में गेंदबाजी की, वह अच्छा था.’ 


पोलार्ड का भी बड़ा बयान


वेस्टइंडीज के कप्तान कीरोन पोलार्ड ने कहा कि उनकी टीम अधिक रन जुटाकर प्रतिस्पर्धी हो सकती थी. उन्होंने कहा, ‘22 ओवर रहते हारना बड़ी हार है. हमारे लिए वही बात रही कि हम पूरे 50 ओवर तक बल्लेबाजी नहीं कर सके. इसे ठीक करना होगा. हमें निचले क्रम तक बल्लेबाजी करनी होगी और तकनीक में बेहतर करना होगा और ये मुझे भी करना होगा.’ पोलार्ड ने कहा कि टॉस गंवाना हार के कारण में अहम था. उन्होंने कहा, ‘इस समय ओस है. आज (भारत की बल्लेबाजी के समय) गेंद आसानी से बल्ले पर आ रही थी. क्रिकेट की यही प्रकृति है, हम इसे बदल नहीं सकते.’


प्लेयर ऑफ द मैच बने युजवेंद्र चहल ने कहा, ‘यह अच्छा लगा. वाशी (सुंदर) ने एक ही ओवर में दो विकेट झटके थे तो हम जानते थे कि दबाव उन पर था. मेरा काम उस दबाव को बनाए रखने का था.’