नई दिल्ली : क्रिकेट में मशहूर कहावत है कैचेज विन मैचेज और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में  ऐसे कई कैच हैं, जो लोगों को वर्षों बाद भी याद हैं. फिर चाहे वह कपिल देव का विश्व कप के फाइनल में लिया गया कैच हो या फिर जोंटी रोड्स के 1996 के विश्वकप में लिए गए कैच हों. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें वन डे मैच में जसप्रीत बुमराह ने एक ऐसा ही कैच लिया. हालांकि इस कैच में उनका उनकी किस्मत ने भी खूब साथ दिया. क्योंकि बॉल उनके हाथों में आई ही नहीं,  लेकिन वह फिसलकर जमीन पर गिरती, उससे पहले ही बुमराह ने उसे उंगलियों में जकड़ लिया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही इस सीरीज के तीसरे मैच में मनीष पांडे के द्वारा भी ऐसा ही एक मुश्किल कैच लिया गया था.


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पांचवें मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मजबूत शुरूआत की. एक समय 11 ओवर में उसने 66 रन बिना किसी नुकसान के बना लिए थे. डेविड वॉर्नर 34 और एरोन फिंच 32 रन पर खेल रहे थे. लग रहा था ऑस्ट्रेलिया पिछले मैच की तरह यहां भी बड़ा स्कोर खड़ा करेगा. लेकिन तभी हार्दिक पांड्या के दूसरे ओवर की दूसरी गेंद पर जसप्रीत बुमराह ने फिंच का शानदार कैच लेकर भारत को पहली सफलता दिलाई.


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कैच पर संदेह के कारण इसे थर्ड अंपायर के पास भेजा गया. बिना हाथ में आए भी  बॉल को बुमराह ने जमीन पर नहीं लगने दिया. बाद में थर्ड अंपायर ने भी बुमराह  के कैच पर अपनी मुहर लगा दी. इस तरह भारत को इस मैच में एरोन फिंच के रूप में पहली सफलता मिली.