हैमिल्टन: न्यूजीलैंड दौरे में टीम इंडिया को पहले तीन मैचों में जीत हासिल करने के बाद तगड़ी हार का सामना पड़ा. विराट कोहली के बिना रोहित शर्मा की कप्तानी में उतरी टीम इंडिया को पहले न्यूजीलैंड ने केवल 30.5 ओवरों में 92 रनों पर समेटा और उसके बाद  न्यूजीलैंड ने 14.4 ओवर में केवल दो विकेट खोकर निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लिया. इस मैच में टीम इंडिया की हार का प्रमुख कारण भारतीय बल्लेबाजी ही रही. इन पांच वजहों से टीम इंडिया को हार का मुंह देखना पड़ा. 


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1. टीम इंडिया के कमजोर बल्लेबाजी
बेशक टीम इंडिया की कमजोर बललेबाजी ही रही जिसकी वजह से टीम इंडिया को इस तरह की हार झेलनी पड़ी. रोहित शर्मा शुरू से आत्म विश्वास में नहीं दिखे तो शिखर धवन को अति आत्म विश्वास ले डूबा. वे बोल्ट की स्विंग को सही नहीं समझ सके और एल बीडब्ल्यू आउट हो गए. इसके बाद रायडू  और फिर दिनेश कार्तिक के सस्ते में आउट होने से टीम पर दबाव बढ़ गया. ऐसे में केदार जाधव भी धवन की तरह ही एलबीडब्ल्यू आउट हुए और टीम इंडिया इतने दबाव में आ गई जिससे वह उबर न सकी. 


2. टीम इंडिया में रणनीति का अभाव
टीम इंडिया इस मैच के लिए बिलकुल तैयार नहीं दिखी. टीम की बेंच स्ट्रेंथ को जांचना एक अलग बात है और बिना रणनीति के उतरना एक अलग. भारतीय गेंदबाज लंबी पारी खेलने के इच्छुक नहीं दिखे और लगातार बीट होते रहे. ट्रेंट बोल्ट ने अकेले ही इतना दबाव बना दिया की उससे उबरना टीम के लिए नामुमकिन था. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या टीम मैनेजमेंट ने बोल्ट की गेंदबाजी को खेलने की कोई रणनीति बनाई भी थी या नहीं. अगर टीम की इसी तरह की तैयारी रही तो शभुमन गिल जैसे नए खिलाड़ी मौका पाते ही टीम में जगह बनाने में कामयाब हो पाएं, मुश्किल ही है.


3. ट्रेंट बोल्ट की शानदार गेंदबाजी
ट्रेंट बोल्ट ने पिच का और भारतीय बल्लेबाजी का शानदार फायदा उठाया और सभी भारतीय दिग्गजों को पवेलियन की राह दिखाकर ऐसा दबाव बनाया कि टीम इंडिया उससे उबर ने सकी. बोल्ट ने शिखर धवन, रोहित शर्मा, शुभमन गिल, केदार जाधव और हार्दिक पांड्या के शानदार विकेट लिए.  बोल्ट ने सधी हुई गेंदबाजी की और 20 ओवर अपने 10 ओवर के कोटे में केवल 21 रन देकर 5 विकेट अपनी झोली में डाल दिए. 


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4. रोहित का पिच के मिजाज को सही न पढ़ पाना
मैच के दौरान कहीं नजर नहीं आया कि पिच की तेजी को टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज सही पढ़ सके. यह उनकी बल्लेबाजी में भी दिखा और बाकी बल्लेबाजों के नजरिए में भी नहीं दिखा. यह जानना वाकई दिल्चस्प होगा कि टीम के कोच भारतीय खिलाड़ियों को बल्लेबाजी करने के लिए आखिर क्या कह कर भेज रहे थे. वह तो बोल्ट के ओवर 20वें ओवर में खत्म हो गए नहीं तो टीम का स्कोर 55/8 से 92/10 होना नामुमकिन लग रहा था.  


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5. विलियम्सन की सटीक रणनीति
टीम इंडिया को हराने में न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन की रणनीति की अहम भूमिका रही. विलियम्सन ने जब देखा की टीम के अनुभवी बल्लेबाज रोहित और शिखर आउट हो गए हैं. उन्होंने 10 ओवर के बाद ट्रेंट बोल्ट को नहीं हटाया और उनसे ओवर कराते रहे जिसका पूरा फायदा टीम को मिला.  इसके बाद 92 रनों का पीछा करते हुए भी विलियम्सन ने अपने बल्लेबाजों को आक्रामक खेल दिखाने के कहा जिससे टीम पर ज्यादा दबाव न पड़े. पहले सात ओवरों में दो विकेट खोने के बावजूद टीम की रणनीति काम कर गई.