INDvsSA : `इंडियन विकेट` भी नहीं बदल पाया किस्मत, शास्त्री के सितारों ने बनाया हार का बुरा रिकॉर्ड
अफ्रीका के तेज गेंदबाजों के सामने चार पारियों में अब तक संघर्ष करती नजर आई है टीम इंडिया.
नई दिल्ली : सेंचुरियन के विकेट पर जब पहले दिन सुनील गावस्कर ने पिच को देखा तो उन्होंने साफ कहा था कि ये विकेट कुछ कुछ भारतीय पिचों जैसा है. शुरुआती दो दिनों को देखकर लगा भी ऐसा. दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ियों के साथ साथ टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने कुछ हद तक यही साबित किया कि यहां टिककर बल्लेबाजी की जा सकती है, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने 153 रनों की पारी खेली. लेकिन मैच के तीसरे दिन पिच ने अपना मिजाज बदलना शुरू किया. चौथे दिन ये पूरी तरह से बदल गई.
लेकिन ये कहना होगा कि कुछ कुछ भारत जैसा मिजाज रखने वाली इस पिच पर भी टीम इंडिया के बल्लेबाजों के पैर बुरी तरह उखड़ गए. पूरे टेस्ट में भारत की ओर से सिर्फ 1 शतक लगाया जा सका. टीम इंडिया की ओर बाकी का कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं सका. इसके साथ ही टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका में हार का सबसे बुरा रिकॉर्ड बना दिया. इस जमीन पर उसने 10 टेस्ट मैच गंवा दिए हैं.
लगातार 9 टेस्ट सीरीज जीतने वाली टीम इंडिया धराशायी, हार के 5 बड़े कारण
इस सीरीज से पहले कहा जा रहा था कि टीम इंडिया के पास इस बार सीरीज में जीतने का अच्छा मौका है. लगातार 9 टेस्ट सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली और उनकी टीम का आत्मविश्वास और हौसले बुलंद थे. दक्षिण अफ्रीका की बाउंसी पिचों पर भारतीय बल्लेबाज हमेशा संघर्ष करते दिखाई पड़े हैं. लेकिन दुर्भाग्य से इस बार भी ये इतिहास नहीं बदला. अब तीसरा टेस्ट 24 जनवरी से जोहानिसबर्ग में शुरू होगा.
रवि शास्त्री पिच पर क्या देंगे जवाब
जब सीरीज शुरू होने से पहले रवि शास्त्री से पूछा गया था कि टीम इंडिया 2017 में सपाट पिचों पर खेलती और जीतती रही है. ऐसे में दक्षिण अफ्रीका में क्या होगा. तो उन्होंने बड़े गर्व से अपनी टीम को विजेता बताया था. शास्त्री ने उस समय कहा था कि हम हर बार पिच नहीं बदल सकते. लेकिन लगातार पाटा पिचों पर खेलने के कारण टीम की हालत कैसी हो जाती है, इस सीरीज में टीम इंडिया को देखने के बाद पता चलता है.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी : ऋषभ पंत की एक और तूफानी पारी, फिर खामोश रहा रैना का बल्ला
19 टेस्ट में सिर्फ 2 जीत
दक्षिण अफ्रीका की धरती पर भारत और अफ्रीका टीमों के बीच 19 टेस्ट मैच अब तक हो चुके हैं. लेकिन इस जमीन पर अब तक टीम इंडिया को सिर्फ 2 बार टेस्ट जीत हासिल हुई है. 10 टेस्ट मैचों में हार मिली है बाकी के टेस्ट ड्रॉ हुए हैं. दो जीत में से एक जीत राहुल द्रविड़ के नेतृत्व वाली टीम के समय 2006 में और एक जीत धोनी के नेतृत्व वाली टीम को 2010 में मिली है.