Jasprit Bumrah Emotional Story: टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ट्रॉफी जिताने में स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का बड़ा रोल रहा है. जसप्रीत बुमराह ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के 8 मैचों में 8.27 की गेंदबाजी औसत से 15 विकेट्स झटके हैं. जसप्रीत बुमराह को टी20 वर्ल्ड कप 2024 में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' का अवॉर्ड मिला है. भारतीय टीम के टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीतने के बाद सोशल मीडिया पर जसप्रीत बुमराह की काफी चर्चा हो रही है. इस कड़ी में जसप्रीत बुमराह की जिंदगी से जुड़ा एक अनसुना और इमोशनल किस्सा भी सामने आया है.


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बुमराह की जिंदगी का सबसे बड़ा राज


सोशल मीडिया पर एक वरिष्ठ पत्रकार दीपल त्रिवेदी ने जसप्रीत बुमराह की जिंदगी से जुड़ा एक भावुक किस्सा अपनी पोस्ट एक जरिए फैंस तक पहुंचाया है. जसप्रीत बुमराह जब पैदा हुए थे, तब दीपल त्रिवेदी अहमदाबाद में उनकी पड़ोसन रह चुकी हैं और वह जसप्रीत बुमराह के परिवार को बहुत करीब से जानती हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर अपनी लंबी-चौड़ी पोस्ट में दीपल त्रिवेदी ने लिखा, 'मेरा क्रिकेट का ज्ञान जीरो है. मैं विराट कोहली को भी अनुष्का शर्मा के पति के रूप में जानती हूं. वह बहुत खुशमिजाज हैं और मुझे अच्छा लगता है जब वह नाचने की कोशिश करते हैं. लेकिन यह (लंबी) पोस्ट मेरे हीरो के बारे में है.'


बचपन की इमोशनल स्टोरी आई सामने 


जसप्रीत बुमराह के जन्म का भावुक किस्सा सुनाते हुए दीपल त्रिवेदी ने लिखा, 'दिसंबर 1993 में एक दिन, जब मेरी तनख्वाह 800 रुपये प्रति माह से भी कम थी, मेरी सबसे अच्छी दोस्त और बगल की पड़ोसी (बुमराह की मां) ने मुझे छुट्टी लेने के लिए मजबूर किया. वह गर्भवती थी. मेरी उम्र भी 22-23 साल रही होगी और मैंने अपना अधिकांश दिन उस दिसंबर अहमदाबाद के पालदी इलाके के एक अस्पताल में बिताया. मेरी दोस्त दलजीत बुमराह के पति जसबीर सिंह बुमराह कुछ मिनट पहले ही बाहर निकले थे, जब नर्स ने हमारा नाम पुकारा और बाद में मेरे कांपते हाथों में एक बच्चा थमा दिया. वह पहली बार था जब मैंने एक नवजात शिशु को छुआ था.'



जसप्रीत ने पढ़ाई में कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई


जसप्रीत बुमराह की बचपन की पड़ोसन दीपल त्रिवेदी ने आगे लिखा, 'मुझे बस इतना याद है कि बच्चा दुबला-पतला था. वह मुस्कुराने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह वास्तव में मुस्कुरा नहीं रहा था. नर्स ने कहा कि वह एक लड़का है. वह दुबला-पतला और कमजोर था और डॉक्टर ने जल्द ही चार्ज संभाल लिया. मेरी दोस्त बहुत खुश थी. मैं पहले से ही उसकी बेटी जुहिका के लिए गॉड मदर थी. हम पड़ोसी होने के नाते सब कुछ साझा करते थे. मेरे पास फोन, फ्रिज या यहां तक ​​कि बिस्तर भी नहीं था! हम एक ही दीवार शेयर करते थे और उसका घर मेरा आश्रय था. दुख की बात है कि मेरे दोस्त के पति (जसप्रीत बुमराह के पिता) की जल्द ही मृत्यु हो गई. जीवन बदल गया. हम निराश हो गए. उस पूरे महीने, मैंने बच्चों को संभाला. उन्हें पढ़ाया. लड़के (जसप्रीत बुमराह) ने पढ़ाई में कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई और अपनी प्लास्टिक की गेंद से खेलना शुरू कर दिया.'


16-18 घंटे काम करती थी बुमराह की मां


बुमराह की बचपन की पड़ोसन ने आगे लिखा, 'मैं कभी-कभी उनके बिस्किट भी खा लेती थी, क्योंकि बच्चों की देखभाल करते समय मुझे भूख लगती थी. हम भूखे रहे, हमने संघर्ष किया, हम रोए, हमने संघर्ष किया. जीवन से. जुहिका, वह बेटी जिसकी गॉड मदर मैं थी और वह सबसे खूबसूरत बच्ची है जिसे मैंने कभी देखा है और उसने मुझे उम्मीद दी. अपनी मुस्कान और एक मजबूत आलिंगन के साथ. जो वह आज भी देती है. लेकिन लड़के की मुश्किलें बहुत ज्यादा थीं.'


दीपल त्रिवेदी ने आगे लिखा, 'हम उसे अमूल डेयरी का एक पैकेट या कोई भी दूध नहीं दे पाते थे. जैसे-जैसे वह बड़ा होता गया, हम सब अपनी जरूरतें पूरी करने में व्यस्त हो गए. उसकी मां दिन में कम से कम 16-18 घंटे काम करती थी. अपनी बहन के विपरीत, वह एक शर्मीला और चुप रहने वाला बच्चा था. कल रात उसने हमारे लिए क्रिकेट वर्ल्ड कप  जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हर भारतीय को उस पर गर्व होना चाहिए और उससे सीखना चाहिए. उसकी विनम्रता में कोई बदलाव नहीं आया है. उसका नाम जसप्रीत बुमराह है.'