गावस्कर के बाद भज्जी भी हुए लाल! जानें क्यों बोले- कुलदीप को `मैन ऑफ द मैच` अवॉर्ड लेना बंद कर देना चाहिए
Ind vs Ban Test: हरभजन ने कहा, `मुझे लगता है कि कुलदीप यादव को अब 5 विकेट लेना बंद कर देना चाहिए. क्या पता ऐसा करने से उसे लगातार दो टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल जाए.`
बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में मैन ऑफ द मैच रहे कुलदीप यादव को दूसरे टेस्ट में ड्रॉप किए जाने के फैसले पर क्रिकेट जगत के तमाम दिग्गज हैरान हैं. कई पूर्व दिग्गजों ने टीम के चयन को लेकर गुस्सा जाहिर किया है. भारत के महान खिलाड़ी सुनिल गावस्कर ने कहा कि कुलदीप को टीम से बाहर करना अविश्वसनीय फैसला है. वहीं, हरभजन सिंह ने भी नाराजगी जाहिर की है. भज्जी ने कहा कि कुलदीप यादव को 'मैन ऑफ द मैच' अवॉर्ड लेना बंद कर देना चाहिए, या उसे एक मैच में 5 विकेट चटकाना बंद कर देना चाहिए.
हरभजन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, 'मुझे लगता है कि कुलदीप यादव को अब 5 विकेट लेना बंद कर देना चाहिए. क्या पता ऐसा करने से उसे लगातार दो टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल जाए.' दरअसल, कुलदीप यादव की टीम इंडिया की टेस्ट ब्रिगेड में 22 महीने बाद वापसी हुई थी.
कुलदीप ने चटगांव में खेले गए बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में 8 विकेट चटकाए थे और 40 रनों की बेहतरीन पारी भी खेली थी. उनके इस प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया था. लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और उनकी जगह टीम में जयदेव उनादकट को शामिल किया गया.
शानदार पारी के बाद भी 2 साल करना पड़ा इंतजार
कुलदीप को टीम से बाहर किए जाने पर हरभजन सिंह बेहद नाराज दिखे. उन्होंने कहा, ‘चटगांव टेस्ट से पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट लिए थे. उसे विदेशी जमीन पर नंबर वन स्पिनर होना चाहिए था लेकिन इसके बजाय उसे अगला मैच खेलने के लिए दो साल से भी अधिक समय का इंतजार करना पड़ा. दो साल बाद मौका मिला भी तो एक मैच के बाद ही उसे निकाल दिया गया. इसके पीछे की वजह पता चले तो खुशी होगी.’
'कई खिलाड़ियों को 5 साल तक भी मौके मिले, लेकिन...'
हरभजन ने कहा, ‘मैं किसी भी प्लेयर का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन टेस्ट मैचों में कुछ खिलाड़ियों को बहुत लंबे समय तक मौके मिले, कई खिलाड़ियों को 5 साल तक भी मौका दिया गया. लेकिन कुलदीप यादव के केस में लगता है कि सुरक्षा की मियाद सिर्फ 5 दिन की है.'
उन्होंने कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को 8 विकेट लेने के बाद भी टीम से बाहर कर दिया जाएगा तो उसमें सुरक्षा की भावना कैसे आएगी. जब टीम मैनेजमेंट ऐसे डर भर देगी तो क्या वह निडर होकर खेल सकता है?
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