IND vs ENG: भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज क्यों हारा इंग्लैंड? माइकल वॉन ने बताई सबसे बड़ी कमजोरी
India vs England: हैदराबाद में शुरुआती जीत के बाद इंग्लैंड विशाखापत्तनम, राजकोट, रांची और धर्मशाला में अगले चार मैच हार गया, जहां उन्होंने बल्ले से बेहद खराब प्रदर्शन किया. आलम यह रहा कि स्टोक्स-मैक्कुलम शासन के तहत इंग्लैंड पहली बार टेस्ट सीरीज हारी.
Michael Vaughan: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 4-1 से मिली हार के बाद इंग्लिश टीम के बल्लेबाजों की विफलता पर कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि बेन स्टोक्स की अगुवाई वाली टीम को अपने प्रदर्शन को लेकर सही राय देने की जरूरत है. इंग्लैंड अपनी आक्रामक खेल शैली, जिसे बैजबॉल कहा जाता है, उसके कारण कोई सीरीज न हारने के इरादे से भारत आया था. उन्होंने ओली पोप और टॉम हार्टले की बदौलत हैदराबाद में शुरुआती टेस्ट 28 रन से जीतकर उम्मीदें भी जगाईं.
भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज क्यों हारा इंग्लैंड?
ऐसा लगने लगा कि इंग्लैंड की बैजबॉल के आगे टीम इंडिया भी घुटने टेक देगी, लेकिन भारत ने दमदार वापसी करते हुए पासा ऐसा पलटा कि बेन स्टोक्स की टीम हैरान रह गई. हैदराबाद में शुरुआती जीत के बाद इंग्लैंड विशाखापत्तनम, राजकोट, रांची और धर्मशाला में अगले चार मैच हार गया, जहां उन्होंने बल्ले से बेहद खराब प्रदर्शन किया. आलम यह रहा कि स्टोक्स-मैक्कुलम शासन के तहत इंग्लैंड पहली बार टेस्ट सीरीज हारी.
माइकल वॉन ने कहा, 'भारत में सीरीज में करारी हार के बाद मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस समय इंग्लैंड की टीम के लिए ईमानदारी की खुराक सबसे महत्वपूर्ण चीज है. मुझे नहीं लगता कि उन्हें सब कुछ बदलने की जरूरत है. वे इस तरह से बेहतर खेल रहे हैं और टीम जो करने की कोशिश कर रही है, मैं उसका सम्मान करता हूं.'
माइकल वॉन ने बताई सबसे बड़ी कमजोरी
माइकल वॉन ने द टेलीग्राफ के लिए अपने कॉलम में लिखा, 'दुख की बात यह है कि उनके पास यह करने की क्षमता है और उन्होंने पूरी दुनिया में यह साबित किया. इसलिए उन्होंने दो बड़ी सीरीज में जीत हासिल की, लेकिन इस बार उनकी बल्लेबाजी बुरी तरह विफल रही. उन्होंने यह भी महसूस किया कि धर्मशाला में पांचवें और अंतिम टेस्ट में जॉनी बेयरस्टो के बल्ले से प्रदर्शन ने भारत दौरे में इंग्लैंड की बल्लेबाजी का सार प्रस्तुत किया. भारत में सीरीज में करारी हार के बाद, मेरा मानना है कि इस समय इंग्लैंड की टीम की ईमानदारी से समीक्षा की जानी चाहिए.’
माइकल वॉन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि उन्हें सब कुछ तोड़-मरोड़ कर पेश करने की जरूरत है. वे इससे बेहतर खिलाड़ी हैं. वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उसका सम्मान करता हूं और हर दिन जल्दी उठकर उन्हें देखता हूं क्योंकि उन्होंने इस प्रारूप को रोचक बनाया है और हमेशा ऐसा लगता है कि मैच में कोई मोड़ आने वाला है.’
बल्लेबाजी बुरी तरह नाकाम
वॉन ने कहा, ‘इसमें बड़ी निराशा यह है कि उनके पास वास्तव में दुनिया भर में प्रतिस्पर्धी होने की प्रतिभा है, लेकिन दो बड़ी सीरीज को जीतने में विफल रहे हैं. इस मामले में ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनकी बल्लेबाजी बुरी तरह विफल रही.’ वॉन ने टीम मैनेजमेंट पर खिलाड़ियों के प्रति बहुत नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह समझते हैं कि शिविर में सकारात्मकता, मौज-मस्ती और हंसी-मजाक की भावना व्याप्त है, लेकिन यह हमेशा वांछित परिणाम नहीं ला सकता है.'
माइकल वॉन ने कहा, ‘हर साक्षात्कार में आप उत्साह, अवसर और मौज-मस्ती के बारे में वही बातें सुनते हैं, मैं पिछले कुछ वर्षों में उनमें से कई खिलाड़ियों और सहयोगी सदस्यों के साथ रहा हूं. उनकी भाषा प्रेरणादायक हो सकती है. मैं उनमें से कुछ की प्रशंसा करता हूं, लेकिन मैं थोड़ा पुराने ख्याल का हो सकता हूं. मुझे चिंता है कि उनका यह रवैया टीम के हित में नहीं है.’