मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया (Australia) के 'बेस्ट मेंस क्रिकेट ऑफ द ईयर अवॉर्ड' जीतने वाले तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) ने कहा कि वो एक वक्त ऐसे हालात में थे कि इस 'जेंटलमैन गेम' को छोड़ने की कगार पर पहुंच गए थे.


नहीं हासिल कर पा रहे थे विकेट


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मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) जिस काबिलियत के तेज गेंदबाज हैं, उसके हिसाब से वह उम्मीदों के मुताबिक विकेट नहीं ले पा रहे थे. वो मैदान पर काफी रन भी लुटा रहे थे. वहीं मैदान के बाहर उनके पिता भी कैंसर से जूझ रहे थे.


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भारत के खिलाफ फ्लॉप गेम


फिर भी मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) 2020-21 टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया (Team India) के खिलाफ लचर प्रदर्शन के बावजूद क्रिकेट में बने रहने में कामयाब रहे. हालांकि इसके बाद कैंसर के कारण अपने पिता को गंवा दिया.
 




'मुश्किल रहा वो दौर'


मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) ने एलेन बॉर्डर मेडल (Allan Border Medal) हासिल करने के बाद ‘फॉक्सस्पोर्ट्स डॉट कॉम डॉट एयू’ से कहा, ‘निश्चित रूप से पिछला साल मैदान के अंदर और बाहर बहुत ही मुश्किल रहा. ’


 




क्रिकेट खेलना नहीं चाह रहा था


मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) ने उस मुश्किल दौर के बारे में कहा, ‘मैं शायद उस तरह का क्रिकेट नहीं खेल रहा था जो मैं खेलना चाहता था और एक वक्त ऐसा भी था जब मैं शायद बिलकुल भी क्रिकेट नहीं खेलना चाहता था. ’


एशेज में झटके 19 विकेट


एशेज सीरीज में इंग्लैंड पर 4-0 की जीत के दौरान मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc)  टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक रहे. स्टार्क सभी पांचों टेस्ट खेले और उन्होंने 19 विकेट झटके. यह अवॉर्ड जीतने वाले स्टार्क पांचवें गेंदबाज हैं जिससे वह पैट कमिंस, मिशेल जॉनसन, ब्रेट ली और ग्लेन मैकग्रा के साथ इस लिस्ट में शामिल हो गए हैं.