नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया में इन दिनों एशेज सीरीज खेली जा रही है. पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की जीत निश्चित दिख रही है. इस सीरीज में इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोइन अली पर सबकी निगाहे हैं. उनका प्रदर्शन टीम के लिए बड़ा अहम साबित होने जा रहा है. हालांकि पहले टेस्ट में उनका आउट होना बड़े विवाद का विषय बन गया है. खुद ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी माइकल क्लार्क ने कहा है कि वह आउट नहीं हुए थे, लेकिन उन्हें आउट करार दिया गया है. ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 56 रन बनाने हैं. उसके सभी 10 विकेट सुरक्षित हैं.


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इधर मैच से इतर मोइन अली ने मुस्लिमों के बारे में बड़ा बयान दिया है. बीबीसी न्यूज़बीट से एक बातचीत में मोइन अली ने कहा कि वह सभी मजहब के लोगों को प्रेरित करते रहेंगे.


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मोइन अली कहते हैं, लोगों के दिमाग में मुस्लिम और मुस्लिम धर्म को लेकर कई नकारात्मक बातें हैं. मुझे उम्मीद है कि मैं अलग-अलग धर्मों के लोगों को प्रेरित कर सकूंगा ताकि वे जिस राह पर चलना चाहते हैं, उन्हें उसे करने में डर न लगे. चाहे वे क्रिकेट खेलना चाहें या कोई और खेल या वे जो भी करना चाहें.


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नवंबर, 2016 में मोइन अली को राजकोट में भारत के खिलाफ टेस्ट खेलने के लिए इंग्लैंड की टीम में शामिल किया गया था. उनके टीम में चुने जाने समय एक और बड़ी बात हुई थी. उस समय चार ब्रिटिश एशियाई इंग्लैंड की की क्रिकेट टीम में चुने गए थे. हालांकि अब सिर्फ मोइन अली ही इंग्लिश टीम के लिए खेल रहे हैं.


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अपनी क्रिकेट जर्नी के बारे में मोइन अली ने बताया कि जब मेरी उम्र करीब 13-15 साल थी. उस समय मेरे पिता ने बस यही कहा कि स्कूल के बाद हर दिन दो घंटे क्रिकेट की प्रैक्टिस करो. मुझे याद है कि मेरे पिता मुझे खेल के लिए ले जाते थे. वो रात भर टैक्सी चलाते थे, सुबह छह बजे घर आते थे और नौ बजे मुझे ले जाते थे. उन्होंने मेरे क्रिकेट के लिए अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी.