नई दिल्ली: कैप्टन कूल के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) आज 38 साल के हो चुके हैं. भारतीय क्रिकेट फैंस से माही की कामयाबी का तार्रुफ कराना, उनकी तौहीन करने जैसा है. उनके जैसा कप्तान न कभी टीम इंडिया के मिला है, और न शायद कभी मिलेगा. वो दुनिया के एकलौते कैप्टन हैं जिन्होंने आईसीसी की सभी ट्रॉफियों पर कब्जा किया है. उन्होंने टीम इंडिया को ऊंचाइयों पर पहुंचा है. आज हम उनके 148 रन की पारी के अनोखे इत्तेफाक के बारे में बात करेंगे.


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धोनी का हर फैंन इस बात से वाकिफ है कि माही ने पाकिस्तान के खिलाफ वनडे में 148 रन की शानदार पारी खेली थी, जिसके जरिए उनके करियर को जबरदस्त आगाज मिला था. इस पारी के साथ ही उन्होंने टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली थी. विशाखापट्टनम के मैदान में उन्होंने शाहिद अफरीदी समेत सभी पाक गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी. इस खेल को धोनी की बायोपिक 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' में भी दिखाया गया है. 



इस मैच से पहले धोनी को निराशा ही हाथ लगी थी. ये उनके करियर का 5वां वनडे मैच था, अब तक उन्हें मिडिल ऑर्डर पर बैटिंग के लिए भेजा जाता था, लेकिन इस मैच में कप्तान सौरव गांगुली ने एक चौंकाने वाला फैसला करते हुए महेंद्र सिंह धोनी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए उतारा. इरादा साफ था धोनी को इस लाइसेंस के साथ भेजा गया था कि वो खुल कर खेलें. धोनी ने इस मौके को बखूबी भुनाया और 123 गेंदों पर 148 रन बनाकर धमाका कर दिया. इस पारी में 15 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के शामिल थे.



धोनी ने वनडे की तरह जल्द ही टेस्ट क्रिकेट में भी खुद को स्थापित कर लिया था. 21 जनवरी 2006 को महेंद्र सिंह धोनी ने अपने करियर का 5वां टेस्ट खेला था. फैसलाबाद के मैदान में माही ने 153 गेंदों में 148 रन बनाए थे.  जिसमें 19 चौके और 4 छक्के शामिल थे.  इत्तेफाक की बात ये हैं की धोनी ने अपने 5वें वनडे और 5वें टेस्ट मैच दोनों में ही 148 रन की पारी खेली थी. दोनों ही मौकों पर विपक्षी टीम पाकिस्तान ही थी. धोनी ने क्रिकेट की दुनिया में कई शानदार कारनामे किए हैं, लेकिन उनके करियर का ये इत्तेफाक बेहद खास और अनोखा है.