जब एक ओवर में टीम इंडिया को चाहिए थे 15 रन, तब धोनी ने 3 गेंदों में पलट दी थी बाजी
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जब एक ओवर में टीम इंडिया को चाहिए थे 15 रन, तब धोनी ने 3 गेंदों में पलट दी थी बाजी

महेंद्र सिंह धोनी के बार में कहा जाता है कि जब कम गेंदों में ज्यादा रन बनाने हों और बैटिंग माही कर रहे हों, तो प्रेशर धोनी पर नहीं, बल्कि गेंदबाज पर होता है.

एमएस धोनी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को जिन ऊंचाइयों पर पहुंचाया आज उसे बताने की जरुरत नहीं हैं. धोनी ने अपने अब तक के करियर में न जाने कितनी बार भारत का नाम रोशन किया है. उन्होंने कई बार ये साबित कर दिखाया है कि वो वाकई में क्रिकेट की दुनिया के गेम चेंजर हैं. बात चाहे रन बनाने की हो या विकेटकीपिंग की, या फिर कप्तानी की, धोनी ने हर रूप में हर किरदार को इतनी ईमानदारी से निभाया है कि शायद ही कोई और क्रिकेटर ऐसा करने की क्षमता रखता हो. 

  1. महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट की दुनिया के गेम चेंजर हैं.
  2. साल 2013 में धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ किया कमाल.
  3. धोनी ने 3 गेंदों में 16 रन बनाकर इंडिया को जीत दिलाई.

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'कैप्टन कूल' के नाम से मशहूर धोनी ने हमेशा खुद के बारे में बाद में और टीम के बारे में पहले सोचा, धोनी की इसी सोच का नतीजा है कि आज भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की सबसे बेहतरीन क्रिकेट टीमों में से एक है. वैसे तो माही ने क्रिकेट के मैदान पर इतनी बार कमाल कर दिखाया है कि उसे एक साथ लिख पाना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं होगा. मगर आज इस खास पेशकश में हम आपको धोनी के द्वारा किए एक ऐसे कारनामे के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने फैंस के दिल में उनके लिए प्यार और सम्मान पहले से और भी ज्यादा बढ़ा दिया था.

भारत और श्रीलंका की टीमें जब थी आमने-सामने 
श्रीलंका के साथ हुए एक मैच में कैप्टन कूल ने कुछ ऐसा कर दिखाया था जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी. ये बात है साल 2013 की जब सेलकॉन मोबाइल कप का फाइनल चल रहा था और भारत और श्रीलंका की टीमें एक-दूसरे के खिलाफ खेल रही थीं. ये एक त्रिकोणीय सीरीज थी. भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था. श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी की और भारत के सामने जीत के लिए 202 रनों का लक्ष्य रखा. रोहित शर्मा और शिखर धवन ने टीम इंडिया  के लिए काफी अच्छी शुरुआत की थी मगर बात कुछ ज्यादा जम नहीं पाई. रोहित 58 रन बनाकर आउट हो गए, पर भारत का मध्य क्रम बिखर गया और जीत का सारा भार धोनी के कंधों पर आ गया.

माही सूझबूझ से खेलते-खेलते मैच को आखिरी ओवर तक खींच कर ले गए. धोनी के साथ इशांत शर्मा खेल रहे थे और श्रीलंका की तरफ से शामिंदा इरंगा गेंदबाजी कर रहे थे. टेंशन के इस माहौल  में हर किसी की नजरें धोनी पर टिकी हुई थीं. धोनी से ओवर की पहली गेंद मिस हो गई और अब भारत को जीत के लिए 5 गेंदों में 15 रनों की जरुरत थी. मैच में जीत का पूरा दवाब धोनी पर था मगर हमेशा की तरह उस दवाब को उन्होंने खुद पर हावी नहीं होने दिया. माही ने ओवर की दूसरी गेंद पर जबरदस्त छक्का लगाया, उसके बाद तीसरी गेंद पर चौका जड़ दिया और अगली बॉल पर छक्का मार कर टीम को 1 विकेट से जीत दिला दी. आखिरी ओवर से पहले ऐसा लग रहा था कि अब ये मैच भारत के हाथों से निकल चुका है, लेकिन धोनी ने अनहोनी को होनी में बदल डाला और वो कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी.

 

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