Musheer Khan: `सचिन को इम्प्रेस करना चाहता था...`, रणजी फाइनल में रिकॉर्डतोड़ शतक ठोकने के बाद बोले मुशीर खान
सरफराज खान के छोटे भाई मुशीर खान का बल्ला जमकर बोल रहा है. रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच के तीसरे दिन उन्होंने महान सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी में शतक ठोक दिया. 136 रन की पारी खेलने वाले मुशीर ने कहा है कि वह सचिन को इम्प्रेस करना चाहते थे.
Musheer Khan Century: रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच के तीसरे दिन महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी 19 वर्षीय बल्लेबाज मुशीर खान के लिए प्रेरणादायक साबित हुई. सरफराज के छोटे भाई मुशीर ने 136 रन की शतकीय पारी खेलकर मुंबई को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. उनकी इस पारी से मुंबई ने विदर्भ को जीत के लिए 538 रन का विशाल लक्ष्य दिया. मुशीर ने इस सेशन में रणजी ट्रॉफी के तीन नॉकआउट मैचों में अपना दूसरा शतक जमा दिया. उन्होंने इससे पहले क्वार्टर फाइनल में बड़ौदा के खिलाफ 203 रन की नाबाद पारी खेली थी. इसके बाद सेमीफाइनल में भी तमिलनाडु के खिलाफ 55 रन की अहम पारी खेली थी. फाइनल में शतक ठोके के बाद मुशीर ने बताया कि वह तेंदुलकर को इम्प्रेस करना चाहते थे.
बड़ी स्क्रीन पर देखा और जड़ दिया शतक
मुशीर ने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, 'मुझे पहले पता नहीं था कि सचिन सर यहां मौजूद है. मैं जब 60 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था तब मैंने उन्हें बड़ी स्क्रीन पर देखा. इसने मुझे अच्छा करने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि वह मैच देख रहे थे और मुझे उन्हें इम्प्रेस करना था.' बता दें कि इस मैच के तीसरे दिन तेंदुलकर और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा वानखेडे स्टेडियम में मौजूद थे.
अय्यर-रहाणे को लेकर भी बोले
मुशीर ने कहा कि कप्तान अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर जैसे अनुभवी इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ क्रीज पर समय बिताने से उन्हें बहुत कुछ सीखने में मदद मिली. मुशीर ने रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 130, जबकि अय्यर के साथ चौथे विकेट के लिए 168 रन की साझेदारी की. उन्होंने कहा, 'साझेदारी के दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे दो टेस्ट खिलाड़ियों के साथ बल्लेबाजी करने का मौका मिला. उनकी टीम का हर गेंदबाज अज्जू दादा (अजिंक्य रहाणे) को आउट करने की कोशिश कर रहा था. इससे मेरा काम आसान हो गया.'
फाइनल में शतक सपने जैसा
हाल ही में भारतीय टीम के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने वाले इस बल्लेबाज ने कहा कि देश के प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट के फाइनल में शतक बनाना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा था. उन्होंने कहा, 'रणजी ट्रॉफी फाइनल में शतक बनाना मेरे लिए एक सपना था. हमने (अय्यर और मुशीर) अच्छी साझेदारी की, हमने अच्छी तरह से बातचीत की और (अय्यर) भाई जोर दे रहे थे कि हमें लंबे समय तक बल्लेबाजी करनी है और मैच को विरोधी टीम की पहुंच से दूर ले जाना है.'
सरफराज से की थी बात
मुशीर रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई के लिए शतक जड़ने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गये हैं. उनसे पहले यह रिकॉर्ड रूसी मोदी के नाम था. मुशीर ने बताया कि पहली पारी की विफलता के बाद उन्होंने नेशनल टीम में जगह बनाने वाले अपने बड़े भाई सरफराज खान से बात की थी. मुशीर ने कहा, 'मैंने पहले भाई से बात की थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि फाइनल में यह मेरे लिए अच्छा मौका है, जिसे हर कोई देख रहा है. अगर मैं यहां रन बनाऊंगा तो यह मेरे लिए भविष्य में बेहतर होगा.' उन्होंने बताया, 'जब मैं पहली पारी में (कम स्कोर पर) आउट हो गया, (उन्होंने मुझसे कहा) कोई बात नहीं, दूसरी पारी में अपना बेस्ट दो और जिस तरह से मैं अच्छा महसूस करूं उसी तरह से बल्लेबाजी करूं.'