Tamil Nadu coach Statement: तमिलनाडु के कोच सुलक्षण कुलकर्णी का मानना है कि टीम के कप्तान साई किशोर ने मुंबई के खिलाफ सेमीफाइनल में बहुत गलत चीजें कीं, जिसका नतीजा हुआ कि टीम को मुंबई से सेमीफाइनल मैच गंवाना पड़ा. कोच का यह भी मानना है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला गलत था. मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए टीम के कोच ने कहा कि मुकाबले के पहले ही दिन सुबह 9:00 बजे तमिलनाडु सेमीफाइनल हार गया था. बता दें कि तमिलनाडु से मैच जीतकर मुंबई की टीम 48वीं बार रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंची है.


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पहले ही दिन 9 बजे... 


बता दें कि तमिलनाडु के कप्तान साई किशोर ने इस मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी थी. टीम पहली पारी में मात्र 146 रन ही बना सकी थी. टीम के कोच कुलकर्णी ने मैच के बाद, 'जिस पल मैंने विकेट देखा, मुझे ठीक-ठीक पता चल गया कि हमें क्या मिलने वाला है. जब मैंने देखा कि वे क्वार्टरफाइनल में एक अलग पिच पर खेले थे और उन्होंने क्या विकेट दिया था, तभी मुझे एहसास हुआ कि यह एक सीम का मददगार अनुकूल विकेट है और यह एक बहुत ही कठिन मैच होने वाला है. हमें जीतने के लिए वास्तव में अच्छा खेला दिखाना होगा.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं हमेशा सीधी बात करता हूं - हम पहले ही दिन 9 बजे मैच हार गए.'


'गेंदबाजी  करनी चाहिए थी'


कोच ने आगे कहा, 'सब कुछ निर्धारित था, हमने टॉस जीता, एक कोच के रूप में मैं परिस्थितियों को अच्छी तरह से जानता हूं. हमें गेंदबाजी करनी चाहिए थी, लेकिन कप्तान के इरादे कुछ और ही थे. आखिरकार वह बॉस है. मैं अपना फीडबैक और इनपुट दे सकता हूं कि किस तरह के विकेट हैं और मुंबई की मानसिकता भी.' मुंबई का एक समय स्कोर 106 रन पर 7 विकेट था. इस पर बात करते हुए कोच ने कहा, 'मुझे मैच से पहले पता था कि यहां से मुंबई की वापसी हो सकती है.'


शुरुआती समय में ही... 


'हम मानसिक रूप से तैयार थे कि जो भी टॉस जीतेगा वह पहले गेंदबाजी करेगा. हम जानते थे कि हम पहले गेंदबाजी करेंगे. जिस समय उन्होंने (टीवी प्रसारण) कहा कि हम पहले बल्लेबाजी करेंगे, आप जो भी कहेंगे, वह बल्लेबाजों के दिमाग में चला जाता है. पहला आधा घंटा (खेल से पहले) बल्लेबाजों के दिमाग में बैठ गया. जब आप पहले ओवर ही खेलते हैं और तीसरी गेंद पर आपका इंटरनेशनल खिलाड़ी आउट हो जाता है. पहले घंटे में ही हम गेम हार गए.' मुंबई को लेकर उन्होंने कहा, '7 विकेट पर 107 रन होने के बावजूद वापसी करना बहुत मुश्किल था.' हालांकि, टीम के सेमीफाइनल तक के सफर को लेकर कोच ने कहा, 'पिछले 7-8 वर्षों में अन्य कप्तानों ने कोशिश की होगी, लेकिन वे सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाए. मैंने इसे सकारात्मक नजरिये से देखा.'