Video: न 83 का वर्ल्ड कप न 2011 का, रवि शास्त्री ऋषभ पंत के उस शॉट को मानते हैं जीवन का सबसे महान पल
Ravi Shastri Video: हैदराबाद में हाल ही में संपन्न हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अवॉर्ड्स में टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटर और पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया. रवि शास्त्री इस दौरान बहुत भावुक नजर आए और उन्होंने सभी के सामने अपने जीवन के सबसे महान पल का खुलासा किया है.
Ravi Shastri Statement: हैदराबाद में हाल ही में संपन्न हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अवॉर्ड्स में टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटर और पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया. रवि शास्त्री इस दौरान बहुत भावुक नजर आए और उन्होंने सभी के सामने अपने जीवन के सबसे महान पल का खुलासा किया है. फैंस को उम्मीद थी कि रवि शास्त्री भारत की 1983 वर्ल्ड कप या 2011 वर्ल्ड कप में खिताब जीत का जिक्र करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
ऋषभ पंत के उस शॉट को महान पल मानते हैं रवि शास्त्री
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अवॉर्ड्स में ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने के दौरान रवि शास्त्री बेहद भावुक हो गए और उन्होंने साल 2020-21 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारत की गाबा टेस्ट में जीत को जीवन का सबसे महान पल बताया है. रवि शास्त्री ने गाबा टेस्ट की जीत में आए ऋषभ पंत के उस शॉट को सबसे खूबसूरत पल बताया है.
गाबा टेस्ट में जीत को बताया महान पल
रवि शास्त्री ने कहा, '1983 में हमने लॉर्ड्स में पहली बार वर्ल्ड कप जीता था. वह मेरे लिए खास था. इसके बाद जब मैं कमेंट्री कर रहा था तो 2011 वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का जड़कर हमें दूसरे वर्ल्ड कप का खिताब दिलाया था, वह भी शानदार था. लेकिन गाबा में जैसे ऋषभ पंत ने हमें टेस्ट मैच जिताया था. मेरे लिए यह सबसे महान पल था.'
17 साल की उम्र में क्रिकेट शुरू किया
शास्त्री ने कहा, ‘यह निश्चित रूप से (एक भावनात्मक क्षण) है. यहां आने के लिए आप सबका धन्यवाद. मुझे यह सम्मान देने के लिए मैं बीसीसीआई को धन्यवाद देता हूं. खेल में चार दशक हो गए हैं और आप अब भी भारतीय क्रिकेट से जुड़े हुए हैं. यह मेरे लिए एक बहुत ही मर्मस्पर्शी क्षण है, क्योंकि जब मैंने 17 साल की उम्र में अपना क्रिकेट शुरू किया और एक खिलाड़ी के रूप में इसे 31 साल की उम्र में समाप्त किया, वास्तव में 30 साल की उम्र में, इस दौरान बीसीसीआई मेरा अभिभावक बना रहा.’
बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट का सबसे शक्तिशाली बोर्ड
शास्त्री ने कहा, ‘उन्होंने मुझे खेल खेलने का रास्ता दिखाया. जैसा कि अभी फारुख ने उल्लेख किया उस समय खेल में ज्यादा पैसा नहीं था लेकिन अपने देश के लिए खेलने में गर्व था. मैंने इन 40 वर्षों में बीसीसीआई का विश्व क्रिकेट का सबसे शक्तिशाली बोर्ड के रूप में विकास होते देखा है. इससे खिलाड़ियों की कई पीढ़ियों को फायदा हो रहा है. मेरे लिए यह महिला टीम, पुरुष टीम के साथ बेहद ही खास शाम है.’