नई दिल्ली: टीम इंडिया (Team India) के सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल 3 मैचों की वनडे सीरीज में वापसी के दौरान अपना जलवा दिखाने में नाकाम रहे. अब यंग स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को लिमिटेड ओवर्स की टीम में वापस लाने की मांगें उठने लगी हैं.


तीसरे वनडे से बाहर रहे अश्विन


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रविचंद्रन अश्विन को केपटाउन में तीसरे वनडे के लिए आराम दिया गया और उनकी जगह जयंत यादव को मौका मिला, लेकिन वो भी कोई विकेट लेने में नाकाम रहे. 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में जिस तरह से 'कुलचा' (कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल) का दबदबा था, उसे याद करते हुए कमेंटेटर मैच के दौरान टीम में कुलदीप की अहमियत पर चर्चा कर रहे थे.


कुलदीप-चहल ने किया था कमाल


युजवेंद्र चहल ने पिछली बार 2018 में दक्षिण अफ्रीका में वनडे सीरीज खेली थी और कुलदीप यादव ने 17 विकेट लिए थे. यह जोड़ी 2017 से 2019 के बीच भारतीय लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट टीम में रेग्युलर थी और बड़ी कामयाबी हासिल की.
 




कुलदीप के लिए बदल गया वक्त


फिर वक्त के साथ चीजें तेजी से बदलीं, खासकर इंग्लैंड में 2019 वर्ल्ड कप के बाद कुलदीप के लिए. सिडनी में 5 विकेट लेने के बाद 27 साल के खिलाड़ी के लिए पिछले दो साल मुश्किलों भरे रहे हैं. इससे पहले, मुख्य कोच रवि शास्त्री ने उन्हें 2019 में विदेशी हालात में भारत का नंबर 1 स्पिनर करार दिया था.


कुलदीप ने खोया भरोसा


पिछले कुछ सालों में, यूपी में जन्मे स्पिनर कुलदीप जिन्होंने अपने 65 मैचों के वनडे करियर में 107 विकेट लिए हैं, भारत में स्पिनरों के बेहतरी के कारण नीचे चले गए हैं. भारतीय टीम मैनेजमेंट का भी भरोसा खो दिया, जिसके बाद शाहबाज नदीम को एक्सट्रा खिलाड़ी के रूप में चुना गया था, लेकिन मेन टीम का हिस्सा रहे कुलदीप को अक्टूबर 2019 में मौका नहीं मिला.
 




टेस्ट में क्यों नहीं हैं कुलदीप?


कुलदीप यादव जिन्होंने 23.85 की औसत से 26 विकेट लिए हैं, टेस्ट क्रिकेट में भी अपना स्थान जमा नहीं पाए, क्योंकि रवींद्र अश्विन और रवींद्र जडेजा सबसे लंबे फॉर्मेट में पसंदीदा विकल्प बन गए हैं. लेकिन हाल ही में टेस्ट और वनडे सीरीज दोनों में प्रोटियाज के खिलाफ अश्विन के खराब प्रदर्शन ने तमिलनाडु के 35 साल के स्पिनर के विदेशी प्रदर्शन पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.


दक्षिण अफ्रीका में फ्लॉप रहे अश्विन


दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने प्रोटियाज के खिलाफ तीन मैचों में 64.1 ओवरों में महज तीन विकेट लिए और 2 वनडे मैचों में अश्विन ने सिर्फ 1 विकेट लिया. तीसरे वनडे में वह प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं थे.


अश्विन का रिकॉर्ड विदेशों में खराब


रविचंद्रन अश्विन के रिकॉर्ड के मुताबिक, उन्होंने 84 टेस्ट में 24.38 के औसत, 2.77 की इकॉनमी और 52.7 के स्ट्राइक रेट से 430 विकेट लिए हैं. उन्होंने 30 बार पांच विकेट लिए, जिसमें उनका 7/59 में बेस्ट प्रदर्शन है.हालांकि, उनके ज्यादार विकेट (300) उनके 49 घरेलू मैचों में हैं, जहां उनका औसत 21.40, इकॉनमी 2.69 से था. उनके पांच विकेटों में से 24 के साथ-साथ उनका बेस्ट प्रदर्शन घर पर ही आया था.
 




अश्विन की हो रही आलोचना


रविचंद्रन अश्विन ने विदेशी सरजमीं पर अपने 34 मैचों में, उन्होंने 31.88 की औसत, 2.93 की इकॉनमी और 65.2 की स्ट्राइक रेट से केवल 126 विकेट लिए हैं. उनका बेस्ट 7/83 है. 35 साल के खिलाड़ी के खराब प्रदर्शन को लेकर हर तरफ आलोचना हो रही है.


कुलदीप की वापसी की उठी मांग


इसी बीच सोशल मीडिया पर 'कुलदीप वापस लाओ' ट्रेंड करने लगा है. ट्विटर पर एक लिखा, ‘आर यू मिसिंग हैशटैग कुलदीप यादव दोस्तों?.’ दूसरे शख्स ने कहा, ‘भारत ने मिडिल ओवर्स में कुलदीप यादव को बुरी तरह से मिस किया.’ एक यूजर ने कहा, ‘कुलदीप एक बेहतरीन प्रतिभा है. बाकी अश्विन को आराम देकर, कुलचा कॉम्बो को वापस लाओ.’


 







 


कुलदीप के पास सुनहरा मौका


कुलदीप यादव, जो चोट के कारण आईपीएल 2021 के दूसरे स्टेज से बाहर होने के बाद से मैदान पर नहीं उतरे हैं, आखिरकार रेग्युलर ट्रेनिंग पर लौट आए हैं. सितंबर में उनके घुटने की सर्जरी हुई थी और वह नेशनल क्रिकेट अकादमी, बेंगलुरु में ठीक होने की राह पर हैं. भारत वेस्टइंडीज सीरीज के लिए वनडे टीम की घोषणा होने वाला है और कुलदीप के पूरी तरह फिट होने पर टीम में जगह बनाने का अच्छा मौका है.




 


फिलहाल रिहैब में हैं कुलदीप


कुलदीप यादव चोट के रिहैबिलिटेशन के लिए एनसीए में शामिल हुए और अपने प्रशंसकों को नियमित तस्वीरों और वीडियो से अपडेट रखते रहे हैं. अपने पहले के एक पोस्ट में, स्पिनर को एनसीए में नेट प्रैक्टिस के दौरान अपने बल्लेबाजी कौशल करते हुए देखा गया था. कुलदीप को रणजी ट्रॉफी के लिए उत्तर प्रदेश टीम का कप्तान भी नियुक्त किया गया था, जिसे कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया है.