सीरीज हार के बाद मचा भूचाल, मांजरेकर ने रोहित की कप्तानी पर उठाए सवाल, कर दिया ये तीखा कमेंट
भारत ने शनिवार को पुणे में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट 113 रन से गंवा दिया जिससे मेहमान टीम ने तीन मैच की सीरीज में 2-0 की विजयी बढ़त बना ली. इसके साथ ही भारत का 2012-13 में इंग्लैंड के खिलाफ हारने के बाद से घरेलू मैदान पर लगातार 18 टेस्ट सीरीज जीतने का सिलसिला भी खत्म हो गया.
भारत ने शनिवार को पुणे में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट 113 रन से गंवा दिया जिससे मेहमान टीम ने तीन मैच की सीरीज में 2-0 की विजयी बढ़त बना ली. इसके साथ ही भारत का 2012-13 में इंग्लैंड के खिलाफ हारने के बाद से घरेलू मैदान पर लगातार 18 टेस्ट सीरीज जीतने का सिलसिला भी खत्म हो गया. दोनों मुकाबलों के दौरान सीनियर खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. रोहित शर्मा और विराट कोहली बल्ले से संघर्ष करते रहे जबकि रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई.
संजय मांजरेकर का बड़ा बयान
भारत के दो टेस्ट मैच में रणनीति में चूक करने और बार-बार बल्लेबाजी के ढहने के बाद नए मुख्य कोच गौतम गंभीर भी आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं, लेकिन मांजरेकर ने इस पूर्व सलामी बल्लेबाज का समर्थन किया. मांजरेकर ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, ‘मैं अब भी यही कहूंगा कि कोच का टीम पर सबसे कम प्रभाव होता है, आपके 11वें सबसे कमजोर खिलाड़ी से भी कम. वह मैदान पर पैर नहीं रखता, कप्तान वहां प्रभारी होता है.’
मांजरेकर ने रोहित की कप्तानी पर उठाए सवाल
संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल उठाए हैं. मांजरेकर ने फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज सरफराज खान से पहले ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर को बल्लेबाजी के लिए भेजने के रोहित शर्मा के ‘अजीब’ फैसले पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘सरफराज खान को निचले क्रम में बल्लेबाजी के लिए भेजना और वॉशिंगटन सुंदर को उनके ऊपर भेजना क्योंकि वह बाएं हाथ का बल्लेबाज है, इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए.’
मांजरेकर ने रोहित को दी नसीहत
संजय मांजरेकर ने कहा,‘यह बिल्कुल अजीब है. यह एक ऐसी चीज है, जिससे रोहित शर्मा को सावधान रहने की जरूरत है. बाएं और दाएं हाथ के संयोजन के बारे में सोचना. मुझे लगता है कि उन्हें खिलाड़ियों की समग्र गुणवत्ता और क्षमता के आधार पर ही आगे बढ़ना चाहिए.’ बता दें कि जब भारत को अपने अनुभवी बल्लेबाजों की जरूरत थी तब रोहित (2, 52, 0, 8) चार पारियों में कुल 62 रन ही बना पाए जबकि कोहली (0, 70, 1, 17) ने 88 रन बनाए.