Shardul Thakur: रणजी ट्रॉफी के शेड्यूल से खुश नहीं शार्दुल, BCCI से की मदद की गुजारिश
भारत और मुंबई के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने रविवार को सेमीफाइनल में शतक ठोके के बाद कहा कि बीसीसीआई को अगले साल के रणजी ट्राफी कार्यक्रम पर दोबारा विचार करना होगा, क्योंकि महज तीन दिन के अंतर से 10 मैच खेलने से खिलाड़ियों को चोटें लग सकती हैं.
Shardul Thakur: रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन के सेमीफाइनल मैच में शतक जमाने वाले मुंबई के बल्लेबाज शार्दुल ठाकुर ने BCCI से एक बदलाव की मांग कर दी है. ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए नॉकआउट मैच के बीच तीन दिन के अंतराल में सामंजस्य बिठना मुश्किल होगा, क्योंकि पहले ऐसा नहीं होता था. तमिलनाडु के खिलाफ सेमीफाइनल में शतक जड़ने के बाद ठाकुर ने यह बात कही है. बता दें कि इस मैच के दूसरे दिन शार्दुल ने अपने फर्स्ट क्लास करियर का पहला शतक जड़ते हुए 109 रन की पारी खेली, जिससे टीम को 200+ रन की बड़ी बढ़त मिली.
BCCI को विचार करने की जरूरत...
शतक पूरे करने के बाद शार्दुल ने कहा, 'यह बहुत मुश्किल है, क्योंकि हम फर्स्ट क्लास मैच तीन-तीन दिन के अंतराल पर खेल रहे हैं, जो पहले कभी भी रणजी ट्राफी सीजन में नहीं हुआ है.' उन्होंने कहा, 'कार्यक्रम मुश्किल से मुश्किल होता जा रहा है. अगर खिलाड़ी इसी तरह दो और सीजन खेलते रहेंगे तो देश में काफी खिलाड़ी चोटिल हो जायेंगे.' ठाकुर ने आगे कहा, 'अगले साल बीसीसीआई को इस पर दोबारा विचार करना होगा और अधिक ब्रेक देना होगा.'
पहले काफी दिन मिलते थे...
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले खिलाड़ियों को रणजी ट्राफी मैच के बीच काफी दिन मिलते थे. शार्दुल ने कहा, 'मुझे अपने रणजी ट्राफी खेलने के दिन याद हैं, जिसमें सात-आठ साल पहले पहले तीन मैच में तीन तीन का ब्रेक होता था, फिर चार-चार दिन का ब्रेक होता था और नॉकआउट पांच दिन के ब्रेक पर खेले जाते थे.' ठाकुर ने आगे कहा, 'इस साल हमने देखा कि सभी मैच के बीच तीन-तीन दिन का अंतर है. अगर टीम फाइनल तक पहुंचती है तो घरेलू खिलाड़ियों से महज तीन दिन के अंतराल पर 10 मैच खेलने की उम्मीद करना काफी कठिन है.'
टीम के खिलाड़ी हुए थे चोटिल
शार्दुल ने कहा, 'साथ ही जब ग्रुप में 9 टीम थीं तो एक टीम को राउंड रॉबिन नियम में एक टीम को ब्रेक मिलता था. अब एक ग्रुप में केवल आठ टीम है और प्रत्येक एक दूसरे से खेलती हैं तो यह ब्रेक भी अब खत्म हो गया है.' ठाकुर इस बात से सहमत थे कि मौजूदा कार्यक्रम से एक तेज गेंदबाज को उबरने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता. उन्होंने कहा, 'बिलकुल शत प्रतिशत, क्योंकि मोहित अवस्थी को छठे मैच में ही चोट लग गयी थी. उसने लगातार पांच मैच खेले थे और उस पर काफी बोझ था, क्योंकि तुषार देशपांडे का चयन भारत ए के लिए किया गया था तो वह उपलब्ध नहीं थे. धवल कुलकर्णी अपनी उम्र और कार्यभार के हिसाब से एक मैच छोड़कर खेल रहे थे. रोयस्टन डायस नये खिलाड़ी हैं.'
साई किशोर ने भी सही ठहराया
शार्दुल ने आगे कहा, 'मोहित ने पहले पांच मैच में काफी ज्यादा गेंदबाजी की तो वह चोटिल हो गया और उसे एक मैच से बाहर होना पड़ा. मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि मैच के बीच ज्यादा दिन का अंतर नहीं है.' तमिलनाडु के कप्तान आर साई किशोर भी ठाकुर की बात से सहमत थे. उन्होंने कहा, 'कुछ खिलाड़ियों को भी ऐसा ही लगता है. तेज गेंदबाज कुछ ज्यादा ही थके हुए थे, क्योंकि एक दिन यात्रा में चला जाता है. मुझे लगता है कि तीन दिन के अंतराल के कारण मैं ज्यादा ट्रेनिंग नहीं कर पाता.' (PTI से इनपुट)