नई दिल्ली: अस्पताल के बिस्तर से लेकर टेस्ट डेब्यू तक, श्रेयस अय्यर ने कई उतार-चढ़ाव के बाद ये कामयाबी पाई है. क्रिकेटर्स को चोट लगना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन इंजरी से उबरना और टेस्ट में डेब्यू करना यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है.


श्रेयस अय्यर ने याद किया मुश्किल सफर


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श्रेयस अय्यर ने मंगलवार को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने इलाज के दौरान की एक तस्वीर साझा की थी, इसके थोड़े दिनों बाद ही उन्होंने टेस्ट जर्सी में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की.


 



 


अय्यर को कानपुर का तजुर्बा


अय्यर के लिए कानपुर का मैदान कोई नया नहीं है. 2019 में उन्होंने प्रवीण कुमार, अंकित राजपूत और पीयूष चावला के आक्रमण के खिलाफ 75 रनों की अपनी शानदार पारी से मुंबई रणजी टीम को बचाया था. अब उन्हें अपनी टेस्ट कैप उसी स्थान पर मिली जहां उन्होंने रेड-बॉल क्रिकेट की शुरुआत की थी.


पहले भी कर सकते थे डेब्यू


असल में वो पहले ही टेस्ट टीम के हिस्सा हो जाते, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण वह रह जाते थे. मार्च 2017 में, उन्हें धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट के लिए विराट कोहली की जगह बुलाया