SBI में नौकरी कर रहा सौरव गांगुली-राहुल द्रविड़ का साथी, पाकिस्तान के खिलाफ किया था डेब्यू
Sourav Ganguly Rahul Dravid Gyanendra Pandey Cricketer Team India: भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाना आसान नहीं है और अगर जगह मिल गई तो उसे बनाए रखना उतना ही मुश्किल है. हर साल कई नए चेहरे अपना डेब्यू करते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही टीम में लगातार अवसर हासिल कर पाते है.
Sourav Ganguly Rahul Dravid Gyanendra Pandey Cricketer Team India: भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाना आसान नहीं है और अगर जगह मिल गई तो उसे बनाए रखना उतना ही मुश्किल है. हर साल कई नए चेहरे अपना डेब्यू करते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही टीम में लगातार अवसर हासिल कर पाते है. भारतीय क्रिकेट में मौजूद टैलेंट के कारण एसोसिएशन और बोर्डों के लिए हर एक खिलाड़ी को समान अवसर देना असंभव हो जाता है. ऐसा ही कुछ पूर्व भारतीय ऑलराउंडर ज्ञानेंद्र पांडे के साथ हुआ, जो सिर्फ दो वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद गायब हो गए.
पाकिस्तान के खिलाफ किया था डेब्यू
ज्ञानेंद्र पांडे ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए अपना डेब्यू किया. वह सिर्फ 2 वनडे मैच खेलकर टीम से बाहर हो गए. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 2 वनडे में 4 रन बनाए थे और उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था. पूर्व ऑलराउंडर ज्ञानेंद्र ने फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए क्रिकेट में 199 मैच खेले. इस दौरान कुल 254 विकेट हासिल किए. 97 रणजी ट्रॉफी मैचों में पांडे ने 4425 रन बनाए और 148 विकेट लिए. एक ऑलराउंडर के रूप में उन्होंने अपना नाम बनाया और टीम इंडिया में जगह बनाई. उन्हें 1999 में पाकिस्तान, श्रीलंका और भारत के बीच ट्रायंगुलर सीरीज में मौका मिला था.
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ज्ञानेंद्र ने बताया अपना सफर
ज्ञानेंद्र पांडे ने द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बताया, ''1997 में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया था. दलीप ट्रॉफी फाइनल में मैंने 44 रन बनाए और तीन विकेट लिए. मैंने देवधर ट्रॉफी में एक असाधारण प्रदर्शन किया था. नॉर्थ जोन में विक्रम राठौर, वीरेंद्र सहवाग और नवजोत सिद्धू थे. मैंने पांच विकेट लिए और नाबाद 23 रन बनाए. वेस्ट जोन के खिलाफ मैंने 89 रन बनाए और ईस्ट जोन के खिलाफ 2 या 3 विकेट लिए. साउथ जोन के खिलाफ मैंने नाबाद 28 या 30 रन बनाए और 2 या 3 विकेट लिए. चैलेंजर ट्रॉफी में मैंने रॉबिन सिंह और अमय खुरासिया को आउट किया. इंडिया ए के लिए मैंने 26 रन देकर दो विकेट लिए और फिर भारतीय टीम से बुलावा आया. यह 1999 का साल था.''
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दिग्गजों के साथ शेयर किया ड्रेसिंग रूम
ज्ञानेंद्र पांडे को ड्रेसिंग रूम में राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, मोहम्मद अजरुद्दीन और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गजों के साथ समय बिताने का मौका मिला. लेकिन जल्द ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. पांडे न्यूजीलैंड के खिलाफ 1999 टेस्ट सीरीज में फिर से भारत के लिए खेल सकते थे, लेकिन तत्कालीन BCCI सचिव जयवंत लेले ने कथित तौर पर उनके चयन को मंजूरी नहीं दी. इंटरव्यू के मुताबिक, लेले ने कहा था, "अगर कुंबले ने ब्रेक मांगा है, तो सुनील जोशी के लिए क्यों नहीं जाएं?'' पांडे को ठुकरा दिया गया और वह फिर कभी विचार में नहीं आए.
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SBI में कर रहे हैं काम
पांडे ने कहा, ''लेले को जो उन्होंने कहा उसके बारे में सोचना चाहिए था. उन्हें मेरा प्रदर्शन देखना चाहिए था. वह एक अंपायर भी थे. मुझे यह मिलता है, यह मेरी गलती थी. मुझे चालें नहीं पता थी. नहीं समझा कि ये चीजें कैसे काम करती हैं. मैं इसे संभाल नहीं पाया और इसलिए बदनाम हो गया. यहां तक कि मीडिया ने भी मेरी तरफ से कहानी नहीं छापी. कोई मुझसे कुछ पूछने नहीं आया. उन्होंने केवल शीर्ष अधिकारियों से संपर्क किया.'' ज्ञानेंद्र पांडे अब भारतीय स्टेट बैंक के पीआर एजेंट के रूप में काम करते हैं.