IND vs WI: टीम इंडिया को हार के बाद लगा एक और झटका, आईसीसी ने दे डाली बड़ी सजा
IND vs WI: भारतीय क्रिकेट टीम को वेस्टइंडीज ने सीरीज के पहले टी20 मैच में 4 रन से हरा दिया. हार्दिक पांड्या इस सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी संभाल रहे हैं. पहले टी20 में हार के बाद भारतीय टीम को एक और बड़ा झटका लगा.
Team India Fined, 1st T20 : वेस्टइंडीज ने त्रिनिदाद में गुरुवार को खेले गए सीरीज के पहले टी20 मैच में भारतीय क्रिकेट टीम को 4 रन से हरा दिया. धाकड़ ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) इस सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी संभाल रहे हैं. पहले टी20 में हार के बाद भारतीय टीम को एक और बड़ा झटका लगा. आईसीसी ने उसे सजा दी है.
150 रन नहीं बना पाई टीम इंडिया
त्रिनिदाद के ब्रायन लारा स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में टीम इंडिया को 150 रन का लक्ष्य मिला लेकिन वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने उसे ये भी हासिल नहीं करने दिया. वेस्टइंडीज के कप्तान रोवमैन पॉवेल ने टॉस जीता और टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 149 रन बनाए जिसके बाद भारतीय टीम 9 विकेट पर 145 रन ही बना पाई. पांच मैचों की सीरीज का दूसरा मैच रविवार को गयाना के प्रोविडेंस में खेला जाएगा.
आईसीसी ने लगाया जुर्माना
भारत और वेस्टइंडीज की टीमों पर इस टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में धीमी ओवर गति के लिए जुर्माना लगाया गया है. भारत पर न्यूनतम ओवर गति से एक ओवर कम होने के कारण मैच फीस का पांच प्रतिशत जुर्माना लगाया गया, वहीं वेस्टइंडीज पर न्यूनतम ओवर गति से दो ओवर कम रहने के कारण मैच फीस का 10 प्रतिशत जुर्माना ठोका गया. आईसीसी एलीट पैनल के मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने हार्दिक पंड्या और रोवमैन पॉवेल की टीमों को निर्धारित समय में क्रमश: एक और दो ओवर कम करने के कारण यह सजा सुनाई.
पांड्या और पॉवेल ने मानी सजा
आईसीसी की खिलाड़ियों और टीम के सहयोगी सदस्यों के लिए आचार संहिता की अनुच्छेद 2.22 (न्यूनतम ओवर से संबंधित) के अनुसार प्लेयर्स को उनकी टीम द्वारा आवंटित समय में गेंदबाजी करने में विफल रहने पर हर ओवर के हिसाब से उनकी मैच फीस का 5 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है. इस मामले में खिलाड़ी पर अधिकतम मैच फीस के 50 प्रतिशत का जुर्माना लग सकता है. आईसीसी की ओर से जारी बयान के अनुसार, हार्दिक पांड्या और रोवमैन पॉवेल ने अपने अपराध और प्रस्तावित प्रतिबंधों को स्वीकार कर लिया, इसलिए औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं थी. मैदानी अंपायर ग्रेगरी ब्रेथवेट और पैट्रिक गुस्टर्ड, थर्ड अंपायर निगेल डुगुइड और फोर्थ अंपायर लेस्ली रीफर ने आरोप लगाए थे.