Gautam Gambhir: गौतम गंभीर अब टीम इंडिया के नए हेड कोच बन गए हैं. भारत के सामने गौतम गंभीर की कोचिंग में अगले साल ICC चैंपियंस ट्रॉफी और ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के तौर पर दो बड़े टूर्नामेंट हैं. इन ICC टूर्नामेंट्स में एक कोच के तौर पर गौतम गंभीर की बड़ी परीक्षा होगी. गौतम गंभीर मजबूती से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं, जिनकी राष्ट्रवादी भावनाएं मुखर रही है. टीम में उनको काफी गंभीरता से लिया भी जाएगा. 


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भारत को वनडे और टेस्ट में ICC ट्रॉफी की दरकार


टीम इंडिया के पास इससे पहले राहुल द्रविड़, गैरी कर्स्टन, डंकन फ्लेचर जैसे शांत किस्म के व्यक्ति कोच रहे हैं. इसी बीच रवि शास्त्री एक तेजतर्रार कोच के तौर पर विराट कोहली की कप्तानी में टीम को टेस्ट क्रिकेट में काफी ऊंचे मुकाम पर ले गए थे. गंभीर को वनडे और टेस्ट मैचों के लिए रोहित शर्मा के साथ काम करना है. भारत का ICC ट्रॉफी का सूखा भले ही टी20 वर्ल्ड कप 2024 के साथ खत्म हो गया हो, लेकिन वनडे और टेस्ट क्रिकेट में ICC खिताब का इंतजार फिलहाल जारी है.


भूलने होंगे पुराने सभी विवाद 


भारत ने 2011 में अंतिम वनडे वर्ल्ड कप जीता था और अभी तक दो बार फाइनल में पहुंचने के बावजूद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप नहीं जीती है. गंभीर रोहित की कप्तानी के मुरीद रहे हैं, ऐसे में कप्तान-कोच के रिश्ते काफी सहज रहने की उम्मीद की जा सकती है. विराट कोहली के साथ उनके रिश्ते पर भी सबकी नजरें हैं. आईपीएल में दोनों दिग्गजों के बीच का मैदानी विवाद बहुचर्चित था, लेकिन इस बात की उम्मीद नहीं है कि भारतीय क्रिकेट टीम में दोनों के बीच दूरियां देखने के लिए मिलेंगी. वैसे भी आईपीएल 2024 में गंभीर और कोहली पुराना विवाद भूलकर आगे बढ़ते नजर आ चुके हैं. टीम इंडिया के खिलाड़ियों से बेस्ट लेने के लिए गौतम गंभीर को उनका दोस्त बनना होगा. 


सीनियर खिलाड़ियों को करना होगा बैक


आज के क्रिकेट में, जहां स्टार खिलाड़ियों का दबदबा है, वहां गंभीर अपनी स्पष्टवादिता और बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. गंभीर ने खुद बढ़ती उम्र में टीम इंडिया में कमबैक किया था. ऐसे में खिलाड़ियों की बढ़ती उम्र उनके लिए असुरक्षा की भावना ही पैदा करेगी. उन्होंने आईपीएल 2024 में जिस तरह से कोलकाता नाइट राइडर्स के सुनील नरेन और आंद्रे रसेल जैसे सीनियर खिलाड़ियों को पूरा सपोर्ट दिया, उसने इन खिलाड़ियों का बेस्ट प्रदर्शन मैदान पर बाहर निकाला. ऐसे में रोहित, कोहली के अलावा रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, रवींद्र जडेजा जैसे सीनियर खिलाड़ियों का गंभीर की कोचिंग में प्रदर्शन देखने लायक होगा.


भावनाओं और जुनून का संतुलन बनाना जरूरी 


गौतम गंभीर से टीम में स्पष्टता, निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ अपना काम करने की उम्मीद की जा सकती है. गंभीर की मुखर राष्ट्रवादी भावना का असर टीम इंडिया के कल्चर पर किस तरह से दिखता है, ये देखने लायक बात होगी. कोच बनने के बाद गंभीर ने भारत को अपनी पहचान बताया है और देश की सेवा करना सबसे गौरव की बात. वे कोच के तौर पर भारत को क्रिकेट में और ऊपर उठाने के लिए काफी भावुक और जुनूनी होंगे. भावनाओं और जुनून का संतुलन आने वाले दिनों में भारतीय क्रिकेट की नई दिशा तय करेगा.