इरफान पठान को पोंटिंग-गिलक्रिस्ट के सामने लाने से डरते थे गांगुली! ये थी सबसे बड़ी वजह
इरफान ने बताया, सौरव गांगुली ने मुझे बहुत सपोर्ट किया. पूरे करियर में दादा ने मुझे सपोर्ट किया. अगर गांगुली को लगता है कि कोई क्रिकेटर टीम के लिए बेस्ट दे रहा है तो वह उसे सपोर्ट करते थे.
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान (Irfan Pathan) ने खुलासा किया था कि सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) उन्हें साल 2003-04 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर नहीं ले जाना चाहते थे. सौरव गांगुली उस समय टीम इंडिया के कप्तान थे, जो इरफान पठान को ऑस्ट्रेलिया ले जाने के पक्ष में नहीं थे.
गांगुली नहीं चाहते थे गिलक्रिस्ट-पोंटिंग के सामने आए पठान
इरफान पठान ने 'स्पोर्ट्स तक' को दिए इंटरव्यू में बताया था कि सौरव गांगुली 2003-04 में उन्हें वर्ल्ड चैम्पियन ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने नहीं खेलते देखना चाहते थे. कंगारू टीम में गिलक्रिस्ट-पोंटिंग जैसे खिलाड़ियों के सामने कोई भी नया गेंदबाज एक शिकार की तरह होता था. इसलिए सौरव गांगुली ने इरफान पठान को ले जाने के पक्ष में नहीं थे.
दादा ने इरफान से कही ये बात
इरफान पठान ने अपनी और गांगुली के बीच हुई बातचीत के बारे में बताया. पठान ने कहा, 'मुझे याद है दादा ने मुझसे कहा था कि इरफान तुम जानते हो कि मैं तुम्हें ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जाना चाहता था. सेलेक्शन कमिटी की मीटिंग में मैंने तुम्हें ले जाने से मना कर दिया.'
मुश्किल में पड़ सकता था करियर
दादा ने इरफान से कहा, 'क्योंकि मैं 19 साल के लड़के को इस मुश्किल दौरे पर नहीं ले जाना चाहता था, लेकिन जब मैंने तुम्हें देखा तो मुझे विश्वास हो गया कि तुम अच्छा परफॉर्म करोगे.' इरफान ने बताया, 'सौरव गांगुली ने मुझे बहुत सपोर्ट किया. पूरे करियर में दादा ने मुझे सपोर्ट किया. अगर गांगुली को लगता है कि कोई क्रिकेटर टीम के लिए बेस्ट दे रहा है तो वह उसे सपोर्ट करते थे.'
पठान को डेब्यू का मौका
बता दें कि भारत के 2003-04 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर इरफान पठान को डेब्यू का मौका मिला. उन्होंने एडिलेड टेस्ट में डेब्यू किया था. डेब्यू टेस्ट में उन्हें सिर्फ एक ही विकेट मिला. इस दौरे पर इरफान पठान ने दो टेस्ट मैचों में कुल 4 विकेट लिये. 2003-04 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम इंडिया के सौरव गांगुली की कप्तानी में चार टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराई थी.