नई दिल्ली: इस समय भारतीय क्रिकेट एक अलग ही लोकप्रयिता के मुकाम पर है. दुनिया में उसकी प्रमुख विरोधी टीमों में पाकिस्तान के अलावा ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीम को गिना जाता है, लेकिन एक समय ऐसा था जब क्रिकेट में भारत का क्रिकेट की दुनिया में बादशाह माने जाने वाली टीम वेस्टइंडीज से गहरा रिश्ता था. लेकिन इस टीम के खिलाफ (India vs West Indies) पहला टेस्ट जीतने में टीम इंडिया को 25 मैचों का इंतजार करना पड़ा. यह ऐतिहासिक जीत 10 मार्च 1971 को  हुई थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्रिकेट में 70 के दशक में भारत और वेस्टइंडीज में क्रिकेट का रिश्ता बहुत गहरा था. दोनों देशों के फैंस में दूसरे देश के खिलाड़ी हीरो के तौर पर देखे जाते थे. सुनील गावस्कर जहां वेस्टइंडीज में हीरो रहे, तो वहीं वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स, क्लाइव लॉयड, कालीचरण, रोहन कनहाई जैसे खिलाड़ी भारत में हीरो के तौर पर पहचाने जाते थे. लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम को उस समय वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट मैच जीतने में लंबा समय लग गया था. 


यह भी पढ़ें: भारत-पाक का 1996 का वह यादगार मैच, जब जडेजा ने जमकर की थी बॉलर्स की धुनाई


1971 में भारत के वेस्टइंडीज दौरे में भारतीय टीम को 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी थी. पहले मैच में वेस्टइंडीज टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. पहली पारी में वेस्टइंडीज ने 214 रन बनाए, जिसके जवाब में टीम इंडिया ने दिलीप सरदेसाई के शतक और सुनील गावस्कर के 65 रन की पारी के दम पर 352 रन बनाए. 


दूसरी पारी में एस वेंकटराघवन ने पांच विकेट लेकर वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी थी और मेजबान टीम को 261 रन पर समेट दिया जिससे टीम इंडिया को जीत के लिए 124 रन का टारगेट मिला. इस लक्ष्य को हासिल करने में टीम इंडिया ने तीन विकेट गंवा दिए, लेकिन सुनील गावस्कर की नाबाद 67 रन की पारी से टीम इंडिया को जीत मिल गई. 



इस मैच को जीत कर टीम इंडिया को 24 टेस्ट बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली जीत दर्ज हुई. वह भी खास बात यह रही कि यह जीत वेस्टइंडीज में ही हुई. पांच मैचों की उस सीरीज में टीम इंडिया को 1-0 से बढ़त मिली थी. इसके बाद भारत ने अगला टेस्ट मैच जीतकर वह सीरीज 2-0 से सीरीज अपने नाम की थी.