India vs Pakistan: 1996 वर्ल्ड कप में अजय जडेजा की तूफानी पारी की बदौलत भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को मात दी थी.
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नई दिल्ली: यूं तो भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) के बीच कई यादगार मैच हैं जिसमें टीम इंडिया ने पाकिस्तान को हराया है. लेकिन दोनों देशों के बीच हुए रोमांचक मैचों में से एक 1996 वर्ल्ड कप का वह क्वार्टरफाइनल आज भी याद किया जाता है. बेंगलुरू के चेन्नास्वामी स्टेडियम में हुए इस मैच में टीम इंडिया ने दूसरी बार पाकिस्तान को वर्ल्ड कप में हराया था. यह मैच 9 मार्च 1996 को हुआ था.
उस वर्ल्ड कप के दूसरे क्वार्टर फाइनल मैच में भारतीय कप्तान मोहम्मद अजरुद्दीन ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का फैसला किया था. टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 287 रन बनाए थे जिसके जवाब में पाकिस्तान की टीम निर्धारित 49 ओवरों में 9 विकेट खोकर केवल 248 रन ही बना सकी और भारत ने पाकिस्तान को विश्व कप से बाहर कर दिया.
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इस मैच से कई रोचक घटनाएं भी जुड़ी हुई हैं. सबसे खास टीम इंडिया की शानदार शुरुआत रही. नवजोत सिहं सिद्धू ने सचिन तेंदुलकर (31) के साथ मिलकर टीम के पहले विकेट के लिए 90 रन जोड़े. सिद्धू ने 93 रन की शानदार पारी खेली और टीम की मजबूत नींव रखी. सिद्धू मैन ऑफ द मैच घोषित किए गए.
इस मैच में ठीक पहले चोट के कारण पाकिस्तान के पेसर वसीम अकरम का बाहर होना भी काफी चर्चा में रहा. वसीम के बाहर होने से भी पाकिस्तान की गेंदबाजी पर विपरीत असर हुआ.
टीम इंडिया की पारी के अंतिम ओवरों में अजय जडेजा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. जडेजा ने केवल 25 गेंदों में 45 रन ठोके थे. उन्होंने वकार युनुस की जमकर धुनाई भी की थी. जडेजा की पारी के दम पर ही टीम इंडिया 287 के चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंच सकी थी.
जब पाकिस्तान की बैटिंग शुरू हुई तो पाकिस्तान के लिए कप्तानी कर रहे आमिर सुहैल (55) और सईद अनवर (48) ने भी पहले विकेट के लिए 84 की साझेदारी की. अनवर के आउट होने के बाद सुहैल ने एजाज अहमद के साथ मिलकर टीम का स्कोर 100 के पार कराया.
इसी बीच वेंकटेश प्रसाद के ओवर में सुहैल ने एक चौका लगाकर इशारे से कहा कि ऐसी गेंद पर यूं ही चौका लगेगा, लेकिन अगली ही गेंद पर प्रसाद ने सुहैल को बोल्ड कर उन्हें पवेलियन का रास्ता दिखा दिया. यह वाक्या भी एक सुनहरी याद बनकर रह गया.
फिर भी यह मैच जडेजा की उस तूफानी पारी के लिए ज्यादा याद किया जाता है. जडेजा की पारी ने वकार युनुस का स्पेल बिगाड़ दिया था. वकार ने 10 ओवर में 2 विकेट के साथ 67 रन दिए थे.