Virender Sehwag Triple Century: टीम इंडिया ने साल 2004 में पाकिस्तान का यादगार दौरा किया था. पाकिस्तान के इस दौरे पर सौरव गांगुली भारतीय टीम के कप्तान थे. भारत ने पाकिस्तान के इस दौरे पर इतिहास रच दिया था. 49 साल में पहली बार टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तानी धरती पर कोई टेस्ट सीरीज जीती थी. भारत ने 1954-55 में पहली बार टेस्ट सीरीज के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था, लेकिन उसे पाकिस्तानी धरती पर पहली टेस्ट सीरीज में जीत 2003-04 के दौरे पर मिली. सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने पाकिस्तान को उसी के घर में 2-1 से टेस्ट सीरीज में धूल चटाई थी.          


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सहवाग की आतंकित करने वाली पारी


49 साल में पहली बार भारत ने पाकिस्तान की धरती पर कोई टेस्ट सीरीज जीती थी और इस सीरीज जीत में विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग सबसे बड़े हीरो साबित हुए थे. वीरेंद्र सहवाग ने इस टेस्ट सीरीज में इतिहास रच दिया था और सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया था. वीरेंद्र सहवाग टेस्ट में भारत के लिए तिहरा शतक ठोकने वाले पहले बल्लेबाज बने थे. 29 मार्च 2004 के दिन वीरेंद्र सहवाग ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ दिया था. वीरेंद्र सहवाग ने 375 गेंदों का सामना 309 रनों की पारी खेली थी. वीरेंद्र सहवाग ने अपनी इस विस्फोटक पारी के दौरान 39 चौके और 6 छक्के उड़ाए थे.   


दुआओं में रहम मांगने लगे गेंदबाज!


बता दें कि वीरेंद्र सहवाग से पहले भारत का कोई भी बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने का कारनामा नहीं कर पाया था. वीरेंद्र सहवाग से पहले टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाने का रिकॉर्ड वीवीएस लक्ष्मण के नाम दर्ज था. वीवीएस लक्ष्मण ने साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में 281 रनों की पारी खेली थी. पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में तिहरा शतक ठोकने के बाद वीरेंद्र सहवाग को 'मुल्तान का सुल्तान' कहकर पुकारा जाने लगा. मुल्तान में पाकिस्तान के गेंदबाज वीरेंद्र सहवाग के सामने बेबस नजर आए और वह मानों बचने की दुआ मांगते नजर आए. 


एक गेंदबाज का खत्म हो गया करियर 


मुल्तान टेस्ट में गेंदबाजी करने वाले शोएब अख्तर, सकलैन मुश्ताक, अब्दुल रज्जाक और शब्बीर अहमद जैसे गेंदबाजों के पास वीरेंद्र सहवाग का कोई तोड़ नहीं था. वीरेंद्र सहवाग ने इस मैच के दौरान तो सकलेन मुश्ताक का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर भी खत्म कर दिया था. सकलेन मुश्ताक ही वह गेंदबाज थे, जिनकी गेंद पर छक्का लगाकर वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में पहली बार तिहरा शतक जड़ने का कमाल किया था. सकलेन मुश्ताक इस मैच के बाद कभी इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी नहीं कर पाए. सकलेन मुश्ताक के इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का दुखद अंत हो गया.  


भारत ने रचा था इतिहास 


इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में 675 रन बनाए थे. भारत की तरफ से वीरेंद्र सहवाग ने 375 गेंदों का सामना 309 रनों की पारी खेली थी. वहीं, सचिन तेंदुलकर ने नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 194 रन बनाए थे. भारत के इस पहाड़ जैसे स्कोर के जवाब में पाकिस्तान की टीम पहली पारी में 407 रन और दूसरी पारी में 216 रन पर सिमट गई. भारत ने यह मैच पारी और 52 रनों से जीता. अंत में भारत ने तीन मैचों की ये टेस्ट सीरीज 2-1 से जीती थी. 49 साल में पहली बार टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तानी धरती पर कोई टेस्ट सीरीज जीती थी.


द्रविड़ और सचिन के बीच हुआ विवाद 


इसी मैच में राहुल द्रविड़ ने भारत की पहली पारी 5 विकेट पर 675 रनों के स्कोर पर घोषित कर दी थी. यह देख सचिन तेंदुलकर भी हैरान रह गए थे. उस समय सचिन तेंदुलकर 194 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे और उन्हें अपना दोहरा शतक बनाने के लिए केवल 6 रन की जरूरत थी. मैच के बाद राहुल द्रविड़ की खूब आलोचना हुई. कहा जाता है कि राहुल के इस फैसले से सचिन काफी गुस्सा हुए थे. लेकिन उस वक्त सचिन ने इस बारे में मीडिया से ज्यादा कुछ नहीं कहा पर साल 2014 में अपनी ओटोबायोग्राफी 'प्लेइंग इट माई वे' में इस किस्से का जिक्र करते हुए लिखा था कि उस वक्त वो राहुल के इस फैसले के कारण बहुत दुखी थे, क्योंकि मैच में काफी वक्त शेष था और वो अपना दोहरा शतक पूरा कर सकते थे.